रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिवंगत जनरल बिपिन रावत की प्रतिमा का किया अनावरण
देहरादून। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 12 फरवरी सोमवार को देहरादून के टोंस ब्रिज स्कूल में देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) दिवंगत जनरल बिपिन रावत की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया। रक्षा मंत्री ने जनरल रावत की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और उन्हें एक साहसी सैनिक तथा एक नेकदिल इंसान बताया, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहेंगे। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उपस्थित थे।
रक्षा मंत्री ने एक घटना को याद करते हुए कहा कि जनरल रावत जम्मू-कश्मीर में एक सुदूर सीमा चौकी पर गोली लगने से घायल हो गए थे लेकिन फिर भी जनरल रावत को नियंत्रण रेखा एवं वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भारतीय सेना की कार्य पद्धति को और अधिक सशक्त बनाने के लिए प्रेरित किया, विशेषकर जब वह सेना प्रमुख थे तथा बाद में जब चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बने। उन्होंने कहा कि जनरल रावत देश की सैन्य परंपरा के सच्चे साधक थे, जिसमें एक सैनिक अपनी जान की परवाह किए बिना ही राष्ट्र की सुरक्षा के लिए समर्पित रहता है।
राजनाथ सिंह ने जनरल रावत के जीवन के अंतिम क्षणों को याद करते हुए कहा कि उनका बलिदान ‘लड़ते-लड़ते मरो’ मुहावरे के सही अर्थ को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि जनरल रावत का निधन राष्ट्र के लिए एक अपूरणीय क्षति रहा है। अपने जीवन के अंतिम समय में भी वे देश की सेवा करते हुए ड्यूटी पर थे। रक्षा मंत्री ने कहा कि उनकी प्रतिबद्धता, समर्पण और देशभक्ति को अंत तक महसूस किया जा सकता है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि जनरल रावत को पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में नियुक्त किया गया था, जो देश के सैन्य इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण सुधारों में से एक है। इस पद का सृजन सशस्त्र बलों को सशक्त करने के प्रति सरकार की वचनबद्धता को दर्शाता है।
रक्षा मंत्री ने स्कूल परिसर के अंदर जनरल बिपिन रावत की प्रतिमा स्थापित करने के विचार की सराहना करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य सशस्त्र बलों की वीरता की कहानियों को हमारे बच्चों तक ले जाना और उनमें देशभक्ति एवं समर्पण का भाव उत्पन्न करना है। उन्होंने कहा कि हमारे समाज और संस्कृति में प्रतिमाओं का महत्वपूर्ण स्थान है। यह हमारी समृद्ध विरासत का हिस्सा है, जो भविष्य के लिए प्रेरणा का भी काम करता है। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि स्कूल न केवल शिक्षा प्रदान करते हैं बल्कि विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का निर्माण भी करते हैं। उन्होंने कहा कि हर बच्चा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम तथा जनरल बिपिन रावत जैसे महान व्यक्तियों से सीख सकता है और राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दे सकता है।