कोलकाता। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बुधवार (21 अगस्त) को सीआईएसएफ (CISF) कर्मियों की एक टीम पहुंची। इससे एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस स्थान पर केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया था। यह कदम 31 वर्षीय महिला ट्रेनी डॉक्टर के वीभत्स बलात्कार और हत्या के बाद देशभर में बड़े पैमाने पर हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच उठाया गया है।
इस बीच, पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, सीबीआई अधिकारी आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष का लाई डिटेक्टर टेस्ट कर सकते हैं। डॉ. घोष ने बलात्कार-हत्या के बाद पूरे कोलकाता में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच इस्तीफा दे दिया था। मामले की जांच अपने हाथ में लेने के बाद, घोष बुधवार को लगातार छठे दिन सीबीआई के सामने पेश हुए।
एक अधिकारी ने बताया कि सीबीआई घोष के कुछ जवाबों पर संदेह कर रही है और उनके जवाबों की सत्यता की पुष्टि के लिए पॉलीग्राफ टेस्ट कराने पर विचार कर रही है।
बलात्कार-हत्या मामले के अपडेट्स:
डॉ. संदीप घोष से सीबीआई अधिकारियों ने बुधवार को लगातार छठे दिन पूछताछ की। उनसे कई महत्वपूर्ण सवाल पूछे गए, जैसे डॉक्टर की मौत की जानकारी मिलने के बाद उनकी भूमिका, उन्होंने किससे संपर्क किया, और शव देखने से पहले उन्होंने मृतका के माता-पिता को तीन घंटे तक इंतजार क्यों कराया।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस मामले से संबंधित कई याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई की और मामले को 4 सितंबर को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि पीठ बलात्कार-हत्या पर एक हलफनामे के बाद मामले की सुनवाई करेगी। इस मामले को सीबीआई और बंगाल सरकार ने 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट को सौंपा है।
पूरे बंगाल में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं, क्योंकि डॉक्टरों ने बलात्कार-हत्या मामले पर अपना विरोध जारी रखा है। सरकारी अस्पतालों के बाह्य रोगी विभागों और गैर-आपातकालीन इकाइयों में सेवाएं बाधित हो गईं, और मरीजों की लंबी कतारें देखी गईं। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को डॉक्टरों से हड़ताल वापस लेने और काम पर लौटने का अनुरोध किया था।