नई दिल्ली। ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने भारत के मुसलमानों की तुलना म्यांमार और गाजा में रह रहे मुसलमानों से की थी। सोमवार (16 सितंबर) को उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘X’ पर एक पोस्ट करते हुए भारत पर आरोप लगाए थे कि भारत में मुस्लिमों की स्थिति बेहद खराब है। इसके बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने इस टिप्पणी पर करारा जवाब देते हुए कहा कि ईरान को भारत पर टिप्पणी करने से पहले अपने देश की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए।
खामेनेई ने भारत को अन्य मुस्लिम विरोधी देशों से जोड़ा
खामेनेई ने अपनी पोस्ट में भारत को उन देशों की श्रेणी में रखा जहां मुसलमानों पर अत्याचार होते हैं। उन्होंने दुनियाभर के मुसलमानों से अपील की कि वे मुस्लिम आबादी की रक्षा के लिए एकजुट हों और समर्थन दिखाएं।
Statement on Unacceptable Comments made by the Supreme Leader of Iran:https://t.co/Db94FGChaF pic.twitter.com/MpOFxtfuRO
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) September 16, 2024
ईरान को पहले अपना रिकॉर्ड देखना चाहिए: भारत का पलटवार
भारत के विदेश मंत्रालय ने अयातुल्ला खामेनेई की टिप्पणियों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “ईरान के सुप्रीम लीडर की भारत के मुसलमानों के संबंध में की गई टिप्पणी की हम कड़ी निंदा करते हैं। ऐसी गलत सूचनाओं पर आधारित टिप्पणियों को भारत स्वीकार नहीं करेगा।”
महिलाओं और अल्पसंख्यकों की स्थिति पर सवाल
विदेश मंत्रालय ने कहा कि मानवाधिकार के मामलों में ईरान की आलोचना दुनियाभर में होती रही है। खासतौर पर सुन्नी मुसलमानों, जातीय अल्पसंख्यकों और महिलाओं की स्थिति बेहद चिंताजनक है। ईरान में सुन्नी मुसलमानों को प्रमुख शहरों में मस्जिद बनाने की अनुमति नहीं दी जाती और महिलाएं सख्त हिजाब कानून के तहत जीवन जीने को मजबूर हैं।