नई दिल्ली। यूक्रेन के खिलाफ जारी युद्ध में रूस की सेना में कथित तौर पर कई प्रवासियों को जबरन भर्ती किया जा रहा है, जिसमें कई भारतीय भी शामिल हैं. बीते दिनों प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस दौरे और व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात रूसी सेना में तैनात भारतीयों को वापस रिहा करने की बात सामने आई थी. अब रूसी सेना में भारतीयों के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने बड़ी जानकारी दी है. उन्होंने कहा, ‘हमारी समझ के अनुसार और यह परिवार के सदस्यों और स्वयं भारतीय नागरिकों पर आधारित है, जिन्होंने हमसे संपर्क किया है. हमसे करीब 50 भारतीय नागरिकों ने संपर्क किया है, जो लोग रूसी सेना से छुट्टी चाहते हैं और उनके परिवार के सदस्यों ने भी हमसे मुलाकात की।’
कब घर आएंगे रूसी सेना में शामिल भारतीय
रणधीर जयसवाल ने आगे कहा, जब प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने शिखर सम्मेलन के वार्षिक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की थी, तो इस विशेष मुद्दे को हमने लीडरशिप लेवल सहित सभी स्तरों पर उठाया था. रूसी पक्ष ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है. रूस और भारत दोनों भारतीय नागरिकों की शीघ्र रिहाई के लिए काम कर रहे हैं.’ इस बीच विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए जानलेवा हमले पर भी प्रतिक्रिया दी. रणधीर जयसवाल ने कहा, ‘हमने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हमले की रिपोर्ट देखी है. खबर के कुछ ही घंटों के भीतर हमारे पीएम ने हमले की घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की और कड़ी निंदा की।’
#WATCH | On Indians in the Russian Army, MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, "As per our understanding and this is based on the family members and Indian nationals themselves who have got in touch with us. We have about 50 Indian nationals who have gotten in touch with us who… pic.twitter.com/niVY4Z1tPM
— ANI (@ANI) July 19, 2024
रणधीर जयसवाल ने आगे कहा, ‘उन्होंने यह भी बताया था कि राजनीति और लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है. उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की और मृतकों के परिवार, घायलों और अमेरिकी लोगों के प्रति एकजुटता व्यक्त की उनके अच्छे होने की कामना करें.’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल कहते हैं, ‘जैसा कि आप जानते हैं, बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. हमारे देश में लगभग 8500 छात्र और लगभग 15,000 भारतीय नागरिक रहते हैं. हमने लोगों से संपर्क में रहने के लिए एक यात्रा सलाह जारी की है. उच्चायोग और हमें किसी भी तरह की सहायता प्रदान करने के लिए, जिसकी उन्हें आवश्यकता हो, उच्चायोग स्वयं स्थिति की निगरानी कर रहा है. हम भी नियमित रूप से अपडेट देते रहेंगे और हम सभी परिवार से आग्रह करते हैं बांग्लादेश में रहने वाले भारतीय नागरिकों से संपर्क करें. हम अपने सभी नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।