सीएस ने मिलावटी दुग्ध व खाद्य उत्पादों की संयुक्त निगरानी को यूपी से किया अनुरोध
खाद्य सुरक्षा के सम्बन्ध में दायर वादों की जल्द सुनवाई करें डीएम
देहरादून। खाद्य सुरक्षा के सम्बन्ध में न्याय निर्णयन हेतु दायर वादों के विलम्ब के मामलों का गम्भीरता से संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने न्याय निर्णायक अधिकारी/जिलाधिकारी/एडीएम को वादों की त्वरित सुनवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने निर्देशों के ससमय अनुपालन ना होने की दशा में उत्तरदायी अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही के भी निर्देश दिए हैं। इस सम्बन्ध में जिलाधिकारियों को मुख्य सचिव की ओर से पत्र प्रेषित किया जा रहा है। उन्होंने सचिवालय में सुरक्षित भोजन एवं स्वस्थ्य आहार पर गठित राज्य स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक में खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 नियम 2011 की धारा 68 तहत न्याय निर्णयन हेतु दायर वादों के विलम्ब से निस्तारण के फलस्वरूप बढ़ती वादों की संख्या तथा इस कारण प्रवर्तन कार्यो पर प्रतिकूल प्रभाव पर स्वास्थ्य, शिक्षा, खाद्य आपूर्ति व पुलिस विभाग से रिपोर्ट तलब की। मुख्य सचिव ने त्यौहारों के दौरान विशेष अभियान संचालित कर दुग्ध, मिठाई व अन्य खाद्य उत्पादों की टेस्टिंग तथा मिलावटी कार्यों में शामिल दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।
सीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को देहरादून में गढ़वाल मण्डल की फूड टेस्टिंग लैब के संचालन को आरम्भ करने के लिए 2 माह की डेडलाइन दी है। इस गढ़वाल मण्डल फूड टेस्टिंग लैब की अधिसूचना की कार्यवाही गतिमान है। राज्य सरकार द्वारा इसके लिए 13 पदों की स्वीकृति दे दी गई है। इस सम्बन्ध में 23 करोड़ का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जा चुका है। आरम्भ में इस लैब की क्षमता 5000 सैम्पलिंग टेस्ट की होगी। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने रूद्रपुर में अल्ट्रा मॉर्डन माइक्रोबाइलोजिकल फूड लैब की स्थापना तथा लैब में आधुनिकतम उपकरण की उपलब्धता के कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
राज्य सरकार द्वारा फूड सेफटी ऑन व्हील्स प्रोग्राम के संचालन हेतु भी संविदा के आधार पर 8 पदों की स्वीकृति दी गई है। मुख्य सचिव राज्य में अधिकाधिक टेस्टिंग बढ़ाये जाने तथा टेस्टिंग रिपोर्ट समयबद्धता से तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने भोजनमाताओं व आंगनबाड़ी वर्कर्स को भी फूड टेस्टिंग में प्रशिक्षित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने शिक्षा विभाग को सभी आवासीय विद्यालयों में फूड सेफटी के सम्बन्ध में जागरूकता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने होटल मेनेजमेंट के प्रशिक्षण के दौरान अभ्यर्थियों को फूड सेफटी की जानकारी देने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने आमजन के लिए सैम्पल टेस्टिंग किट उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य के उत्तराखण्ड की सीमा पर स्थित जिलों में मिलावटी दुग्ध व दुग्ध व खाद्य उत्पादों की सयुंक्त निगरानी एवं प्रवर्तन कार्यां को संचालित करने की दृष्टि से मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी द्वारा मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश को पत्र भेजा जा रहा है। उन्होंने इस सम्बन्ध में सयुंक्त प्रवर्तन कार्यवाही हेतु निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने ईट राइट इण्डिया अभियान के तहत ईट राइट कैम्पस/ईट राइट स्कूल प्रमाणीकरण में सभी स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, शासकीय एवं गैर शासकीय कैम्पस को जोड़ने के निर्देश दिए हैं। राज्य में अभी तक उत्तराखण्ड सचिवालय पहला कैम्पस है जिसे एफडीए द्वारा ईट राइट इण्डिया का प्रमाणीकरण प्राप्त हुआ है।
बैठक में जानकारी दी गई कि चार धाम यात्रा मार्ग पर खाद्य कारोबारकर्ताओं के प्रतिष्ठानों पर विक्रय किये जा रहे खाद्य पदार्थों की जांच एवं अपमिश्रित खाद्य पदार्थों के विक्रय पर रोक लगाये – जाने हेतु खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की अतिरिक्त रूप से तैनाती की गयी है। 1418 खाद्य प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किये गये। 190 विधिक तथा 519 सर्विलांस नमूने जॉच हेतु लिये गये है। 20 खाद्य कारोबारियों के विरूद्ध न्यायालय में वाद दायर किये गये है तथा न्यायालय द्वारा 09 खाद्य कारोबारियों पर 3,30,000 रूपये का जुर्माना अधिरोपित किया गया है।
चारधाम यात्रामार्ग पर मोबाईल खाद्य विश्लेषणशाला के माध्यम से आम जनमानस एवं खाद्य कारोबारकर्ताओं द्वारा उपलब्ध करायी गयी सामग्री की मौके पर जाँच/प्रशिक्षण/जनजागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत 601 खाद्य पदार्थों की मौके पर सर्वेलांस जाँच की गयी, जिसमें से 529 खाद्य पदार्थ जाँच में सही पाये गये तथा 72 मानको के अनुरूप नही पाये गये। उक्त कार्यक्रम को प्रभावी रूप से चलाने हेतु 02 नवीन संचल खाद्य विश्लेषणाशालाओं के संचालन हेतु टैक्निकल स्टाफ की आउटसोर्स के माध्यम से तैनाती की अनुमति प्राप्त हो गयी है तथा पदों को भरे जाने की कार्यवाही गतिमान है।
खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन उत्तराखण्ड के अधीन कार्यरत खाद्य संरक्षा तथा – सर्तकता सह अभिसूचना इकाई के अधिकारियों द्वारा प्रदेश के प्रवेश मार्गो पर सघन चैकिंग अभियान संचालित किया जा रहा हैं। खाद्य सुरक्षा आयुक्त के द्वारा खाद्य संरक्षा तथा सर्तकता सह अभिसूचना के अधिकारियों की टीम गठित करते हुए चारधाम यात्रा / पर्यटक सीजन में सघन – प्रर्वतन की कार्यवाही की जा रही है। खाद्य पदार्थों में मिलावट के सम्बन्ध में विभिन्न न्यायालयों में विचाराधीन मामलो की प्रभावी पैरवी ए०पी०ओ० के माध्यम से कराये जाने हेतु जनपदीय अभिहित अधिकारियों को प्रकरण जिला स्तरीय सलाहाकार समिति के समक्ष रखने हुये निर्देशित किया गया है।
खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अन्तर्गत दायर विभिन्न वादों का निस्तारण करने वाले न्याय निर्णायक अधिकारी/ए०डी०एम० को प्रशिक्षण प्रदान किये जाने हेतु भारतीय खाद्य संरक्षा एंव मानक प्राधिकरण नई दिल्ली को अनुरोध पत्र प्रेषित किया गया है। खाद्य सुरक्षा के सम्बन्ध में आम जनमानस द्वारा विभागीय हैल्प लाईन पर प्राप्त शिकायतो/जानकारी की पंजीकरण प्रक्रिया का ऑटो डिजीटाइजेशन कर हैल्पलाईन न0 18001804246 को 24×7 संचालित किये जाने एवं आई०ई०सी० के माध्यम से टोल फ्री न० के व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है।
उद्योग जगत से सहयोग लेते हुए सी०एस०आर० फंड के तहत चारधाम यात्रा मार्ग पर 1200 स्ट्रीट वेंडर को फॉस्टेक प्रशिक्षण प्रदान किये जाने हेतु कार्यवाही गतिमान है। जनपद देहरादून में नैस्ले इण्डिया के सहयोग से स्ट्रीट फूड वेंडर को फॉस्टेक प्रशिक्षण का आरम्भ किया गया है तथा जनपद रूद्रप्रयाग, पौडी, चमोली, उत्तरकाशी एवं टिहरी में फॉस्टेक प्रशिक्षण प्रदान किये जाने की कार्यवाही गतिमान है।
बैठक में प्रमुख सचिव एल फैनई, सचिव डा आर राजेश कुमार सहित शिक्षा, स्वास्थ्य, चिकित्सा, पुलिस, महिला एवं बाल कल्याण विकास के अधिकारी मौजूद रहे।