नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार (3 जुलाई) को सत्संग में हुई भगदड़ के कारण 121 लोगों की जान चली गई, वहीं 18 लोग इस हादस में घायल हो गए. अब इस हादसे को लेकर पहली एफआईआर दर्ज कर ली गई है. लेकिन इस एफआईआर में सत्संग करने वाले भोले बाबा का नाम शामिल नहीं है. अभी तक इस मामले में पुलिस ने सत्संग में मुख्य सेवादार कहे जाने वाले देवप्रकाश मधुकर और उस धार्मिक आयोजन के अन्य आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दाखिल की है. वहीं पुलिस सत्संग करने वाले भोले बाबा की तलाशी में जुट गई है.
FIR की कॉपी सामने के बाद पुलिस की कारवाई पर सवाल उठाए जा रहे है क्योंकि एफआईआर की कॉपी में सत्संग कराने वाले भोले बाबा का नाम शामिल नहीं है. इस हादसे को लेकर पुलिस तेजी के एक्शन ले रही है, एफआईईआर में पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 105, 110, 126 (2), 223 और 238 के तहत मामला दर्ज किया है. ये एफआईआर 2 जुलाई को रात करीब 10:18 बजे दर्ज की गई है.
क्यों नहीं है बाबा का नाम FIR में?
जानकारी के मुताबिक जिस समय ये घटना हुई उस समय बाबा पंडाल से निकल गए थे, इस वजह से उनका नाम FIR में नहीं है. वहीं दूसरी कारण है कि आयोजन की जिम्मेदारी आयोजनकर्ता पर होती है. इन्हीं सब वजहों से अभी तक बाबा पर एफआईआर नहीं हुई है.
हादसे में कौन सी धाराएं लगाई गई
हाथरस भगदड़ मामले में पहली एफआईआर दर्ज कर ली गई है जिसके तहत 1 Sections (धारा (एं)), 2023 105 2 भारतीय न्याय संहिता (बी एन एस), 2023 3 110 भारतीय न्याय संहिता (बी एन एस), 2023 126(2) 4 भारतीय न्याय संहिता (बी एन एस), 2023 5 223 भारतीय न्याय संहिता (बी एन एस), 2023 238 के तहत भारतीय न्याय संहिता (बी एन एस) के तहस केस दर्ज कर लिया गया है.
6 मुकदमे दायर हैं, जिसमें यौन शोषण शामिल, काहे बात के बाबा- पूर्व DGP विक्रम सिंह
हादसे को लेकर पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सत्संग कार्यक्रम में करीब 2.5 लाख लोग शामिल होने पहुंचे थे लेकिन पंडाल में किसी भी तरह से कोई इंतजाम नहीं किए गए थे, ये हादसे को खुद दावतनामा दिया गया था.
पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने आगे कहा कि कार्यक्रम में किसी भी तरह के कोई इंतजाम नहीं किए गए थे. पंडाल के बाहार न कोई एंबुलेंस व्यवस्था थी , न कोई तो पुलिस की व्यवस्था, न ही अग्निश्मन और बेसिक चिकित्सा व्यवस्था होनी चाहिए थी. इसके आगे उन्होंने कहा कि इस हादसे का जवाब कौन देगा. आगे उन्होंने कहा जिन भोले बाबा का सत्संग का था, उनके ऊपर कई मुकदमे पहले से दायर हैं. जिसमें की यौन शोषण का मामला भी शामिल है. उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन को इस बाबाओं के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए जो चमत्कारी बातें करते हैं, ये कानूनी अपराध है. इन बाबाओं पर मैजिक रेमेडीज एक्ट के अंतर्गत एक्शन लिया जाना चाहिए.
बाबा के खिलाफ यौन शोषण के आरोप
पूर्व डीजीपी आगे बोले कि आजकल कोई भी बाबा का आडंबर ओढ़कर आ जाता है और लोग उसे भगवान नारायण का अवतार समझते हैं. दुर्भाग्य यही है, इसके आगे उन्होंने बताया कि इस बाबा के खिलाफ छह-सात अपराधिक मुकदमे दायर हैं जिसमें यौन शोषण भी शामिल है