नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 6 अगस्त को अपनी राजकीय यात्रा के पहले चरण में फिजी पहुंची। हवाई अड्डे पर फिजी के प्रधानमंत्री सितीवेनी राबुका ने उनकी अगवानी की और उनका परम्परागत तरीके से स्वागत किया गया।
फिजी के प्रधानमंत्री की मौजूदगी में राष्ट्रपति मुर्मु के लिए परम्परागत स्वागत समारोह आयोजित किया गया। इसके बाद राष्ट्रपति ने स्टेट हाउस का दौरा किया, जहां फिजी के राष्ट्रपति रातू विलियम मैवालिली काटोनीवरे ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। दोनों नेताओं ने भारत-फिजी संबंधों को और मजबूत बनाने के तरीकों पर चर्चा की। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत प्रशांत द्वीप देशों (पीआईसी) के साथ अपने संबंधों और विकास साझेदारी को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिनमें फिजी एक महत्वपूर्ण साझेदार है।
स्टेट हाउस में फिजी के राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को फिजी का सर्वोच्च नागरिक सम्मान – कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी – प्रदान किया। राष्ट्रपति मुर्मु ने ‘राष्ट्राध्यक्षों के आवासों का सौरीकरण’ परियोजना की प्रगति भी देखी, जो एक भारतीय पहल है जिसका उद्घाटन पिछले साल फरवरी में किया गया था।
राष्ट्रपति ने फिजी की संसद को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे आकार में बहुत अंतर होने के बावजूद, भारत और फिजी में बहुत कुछ समान है, जिसमें हमारे जीवंत लोकतंत्र भी शामिल हैं। उन्होंने फिजी के सांसदों को आश्वासन दिया कि जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को बढ़ावा देने के समृद्ध अनुभव वाले एक करीबी मित्र और साझेदार के रूप में भारत हर समय फिजी के साथ साझेदारी करने के लिए तैयार है।
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि आज फिजी को दुनिया भर में हमारे साझा प्रयासों में बढ़ते योगदान के लिए जाना जाता है, जो दो प्रमुख वैश्विक चुनौतियां – जलवायु परिवर्तन और मानवीय विवादों का समाधान करने पर केन्द्रित है। चाहे वह जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक संवाद को आकार देना हो या महासागर-राज्यों की चिंताओं को आवाज़ देना हो, फिजी वैश्विक भलाई के लिए बहुत योगदान दे रहा है। भारत दुनिया भर में फिजी द्वारा निभाई जा रही बढ़ती प्रमुख भूमिका को बहुत महत्व देता है और उसकी सराहना करता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि बाकी दुनिया को फिजी से बहुत कुछ सीखना है, जिसमें फिजी की सौम्य जीवनशैली, परंपराओं और रीति-रिवाजों के प्रति गहरा सम्मान और खुला तथा बहुसांस्कृतिक वातावरण शामिल है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि विभिन्न क्षेत्रों में भारत-फिजी सहयोग लगातार मजबूत होता जा रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि वैश्विक दक्षिण की एक शक्तिशाली आवाज के रूप में भारत जलवायु न्याय के लिए फिजी और अन्य महासागरीय देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा।
इसके बाद फिजी के प्रधानमंत्री सितीवेनी राबुका ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने व्यापक चर्चा की और ऐतिहासिक संबंधों को आगे बढ़ाने तथा दोनों देशों के बीच साझेदारी को मजबूत करने पर सहमति जताई। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत फिजी के साथ अपनी विकास साझेदारी को गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें जलवायु लचीलापन और स्वच्छ एवं नवीकरणीय ऊर्जा के विकास पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा।
राष्ट्रपति ने शहीद सैनिकों की स्मृति में सुवा में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का भी दौरा किया। उन्होंने महात्मा गांधी मेमोरियल हाई स्कूल का भी दौरा किया, जहां उन्होंने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
दिन के अंतिम आधिकारिक कार्यक्रम में, फिजी के राष्ट्रपति रातू विलियम मैवलिली कैटोनीवरे ने स्टेट हाउस में राष्ट्रपति मुर्मु के सम्मान में एक स्वागत समारोह आयोजित किया, जिसमें सभी क्षेत्रों के प्रतिष्ठित फिजीवासी एकत्रित हुए। इस अवसर पर अपने संबोधन में, राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति कैटोनीवरे, प्रधानमंत्री राबुका और फिजी की सरकार और लोगों को उनके गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए धन्यवाद दिया।भारत की
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को फिजी के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, ’कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी’ से सम्मानित किया गया है। राष्ट्रपति को बधाई देते हुए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया, “राष्ट्रपति जी को फिजी के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी से सम्मानित किए जाने पर बधाई। यह प्रत्येक भारतीय के लिए अत्यंत गर्व और खुशी का क्षण है। यह राष्ट्रपति जी के नेतृत्व के साथ-साथ भारत और फिजी के बीच लोगों के बीच ऐतिहासिक संबंधों की मान्यता भी है।