नई दिल्ली। देशभर के किसान दिल्ली से सटे राज्यों की सीमाओं पर हैं। वे ‘दिल्ली चलो’ मार्च के तहत राजधानी में आने के लिए 13 फरवरी से कोशिशें कर रहे हैं। आज किसान आंदोलन का चौथा दिन है। किसानों और केंद्रीय मंत्रियों ने गुरुवार को चंडीगढ़ में प्रदर्शनकारी किसान यूनियनों के नेताओं के साथ तीसरे दौर की बातचीत की
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा, “हम किसानों और किसान संगठनों के साथ बातचीत करने की कोशिश कर रहे हैं। इसे राजनीतिक दृष्टि से ना देखा जाए तो बेहतर है। यदि कांग्रेस इसे राजनीतिक दृष्टि से देख रही है तो उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जो विषय आज सामने आ रहे हैं उन पर उन्होंने तब निर्णय क्यों नहीं लिए?”
किसानों के साथ हुई बैठक पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा, “किसानों और सरकार के बीच यह तीसरी बैठक थी। कई मुद्दे और विषय उठाए गए। अगर हम शांतिपूर्ण ढंग से बातचीत को आगे बढ़ाएंगे तो हम निश्चित रूप से किसी नतीजे पर पहुंचेंगे। मुझे उम्मीद है कि हम जल्द ही कोई समाधान निकाल लेंगे। रविवार को किसानों के साथ एक और बैठक होगी। हम उस बैठक में चीजों पर चर्चा करेंगे और समाधान निकालेंगे।”
किसान आंदोलन में हरियाणा के किसानों की भागीदारी पर बीकेयू (चढ़ूनी) नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि हरियाणा के किसानों ने हमेशा आंदोलनों में सक्रिय भूमिका निभाई है। आज हमने हरियाणा में तीन घंटे के लिए टोल (बूथ) बंद करने का आह्वान किया और इसे माना गया। हम सभी किसानों से अपील करते हैं कि वे कल अपने नजदीकी शहर में ट्रैक्टर मार्च निकालें। कोई भी सड़क अवरुद्ध नहीं की जाएगी और अनुशासन बनाए रखा जाएगा।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि किसानों से चर्चा के लिए अगला दिन रविवार तय किया गया है। मुझे उम्मीद है कि अगली चर्चा सकारात्मक माहौल में होगी और हम इनका (किसानों का) समाधान निकालने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।