भारतीय सेना में जेंडर न्यूट्रल पॉलिसी पर जोर, महिला कमांडिंग ऑफिसर्स के प्रदर्शन का मूल्यांकन जरूरी: शीर्ष अधिकारी

Emphasis on gender neutral policy in Indian Army, evaluation of performance of women commanding officers is necessary: ​​Top officer

नई दिल्ली। भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सेना में व्यापक जेंडर न्यूट्रलिटी पॉलिसी तैयार करने और कर्नल रैंक की महिला कमांडिंग ऑफिसर्स (सीओ) के व्यावहारिक प्रदर्शन के विश्लेषण की मांग की है। उन्होंने महिला अधिकारियों को यूनिट कमांडिंग की भूमिका में ग्रूमिंग और ट्रेनिंग की कमी को एक बड़ी समस्या बताया है।

महिला कमांडिंग ऑफिसर्स का प्रदर्शन और चुनौतियां
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद पहली बार महिला अधिकारियों को यूनिट कमांडिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। लेकिन, 17वीं कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल राजीव पुरी ने अपने फीडबैक में कहा कि महिला सीओ के नेतृत्व वाली यूनिट्स में ऑफिसर मैनेजमेंट से संबंधित मुद्दे बढ़े हैं।

राजीव पुरी ने लिखा, “महिला अधिकारियों को यूनिट कमांड करते हुए एक साल से अधिक समय हो चुका है। ऐसे में उनके प्रदर्शन का वस्तुनिष्ठ तरीके से मूल्यांकन करना बेहद जरूरी है।”

समस्याओं पर प्रकाश
अधिकार की अवहेलना:
महिला सीओ ने शिकायत की कि उनकी अथॉरिटी को चुनौती दी जाती है। उन्होंने अधिकार का इस्तेमाल करने के बजाय अपने सबऑर्डिनेट्स की शिकायतें सीधे सीनियर कमांडर से कीं।

नेतृत्व और सहानुभूति की कमी:
लेटर में कहा गया कि महिला सीओ में फैसले लेते समय टीम को साथ लेने की भावना कम दिखाई दी। उनके नेतृत्व में यूनिट्स में तनाव का स्तर अधिक रहा।

महत्वाकांक्षा और संतुलन:
कुछ महिला सीओ में अधिक महत्वाकांक्षा देखी गई, जबकि कुछ में इसकी कमी पाई गई।

मेल सुपरिमेसी से जोड़ने की प्रवृत्ति:
लेफ्टिनेंट जनरल पुरी के अनुसार, महिला अधिकारियों में यह धारणा है कि उनके खिलाफ लिंग के आधार पर भेदभाव होता है। किसी भी असहमति को वे अक्सर मेल सुपरिमेसी से जोड़ देती हैं।

समस्या की जड़
लेटर में बताया गया है कि महिला अधिकारी सेना में सपोर्ट कैडर के तौर पर भर्ती हुई थीं। उन्हें कमांडिंग ऑफिसर बनने के लिए न तो उचित प्रशिक्षण दिया गया और न ही उनकी ग्रूमिंग हुई।

सेना के वरिष्ठ अधिकारियों को सुझाव
यह फीडबैक ईस्टर्न आर्मी कमांडर, मिलिट्री सेक्रेटरी (एमएस) और एडजुटेंट जनरल (एजी) को भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि महिला अधिकारियों के प्रदर्शन की समीक्षा के बाद जेंडर न्यूट्रल पॉलिसी में आवश्यक बदलाव किए जाएं।

आगे की दिशा
इस रिपोर्ट ने भारतीय सेना में महिला अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण और ग्रूमिंग के महत्व को रेखांकित किया है। जेंडर न्यूट्रलिटी पॉलिसी को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सेना को अपने मौजूदा सिस्टम और प्रक्रियाओं पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है।

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