देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। जहरीली हवा के चलते दिल्ली सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए सरकारी दफ्तरों के 50 फीसदी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम देने का फैसला किया है।
सरकारी निर्देश और मीटिंग
बुधवार (20 नवंबर) को दिल्ली सचिवालय में अधिकारियों की बैठक बुलाई गई है, जिसमें इस निर्णय के क्रियान्वयन पर चर्चा होगी। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण के गंभीर स्तर को देखते हुए ग्रैप-4 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) की पाबंदियां सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया था।
स्कूल-कॉलेज बंद, ऑनलाइन कक्षाएं जारी
स्कूलों का संचालन:
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली सरकार ने 12वीं तक की कक्षाएं ऑनलाइन कराने का फैसला किया है।
विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन पढ़ाई:
दिल्ली विश्वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने भी प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए अपनी कक्षाएं ऑनलाइन चलाने का निर्णय लिया है।
प्रदूषण का खतरनाक स्तर
दिल्ली की हवा की गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, प्रदूषण के बढ़ते स्तर का मुख्य कारण पराली जलाना, वाहनों से निकलने वाला धुआं, और निर्माण गतिविधियां हैं। ऐसे में दिल्ली सरकार ने प्रदूषण कम करने के लिए कई पाबंदियां लागू की हैं, जिनमें निर्माण कार्यों पर रोक, वाहनों की आवाजाही पर नियंत्रण और औद्योगिक इकाइयों की निगरानी शामिल है।
जनता से अपील
दिल्ली सरकार ने जनता से अपील की है कि वे अपने वाहनों का कम इस्तेमाल करें, सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग करें और जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें।
दिल्लीवासियों के लिए चेतावनी
प्रदूषण के खतरनाक स्तर के चलते स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि बुजुर्ग, बच्चे और श्वसन रोगों से पीड़ित लोग खास एहतियात बरतें। मास्क पहनना और घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का उपयोग करना आवश्यक है।
दिल्ली में बिगड़ते हालात को देखते हुए आने वाले दिनों में और सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।