नई दिल्ली। अब तक आपने लॉकर, किसी बर्तन में या फिर दीवार के अंदर पैसा छिपा रखे देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी वाशिंग मशीन में किसी को पैसा छिपाते देखा है? दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को विदेशी मुद्रा कानून (फेमा) के कथित उल्लंघन के एक मामले के सिलसिले में विभिन्न शहरों में तलाशी के दौरान 2.54 करोड़ रुपये ‘बेहिसाब’ नकदी जब्त की है, जिसका एक हिस्सा ‘वाशिंग मशीन’ में छिपा कर रखा गया था.
ईडी ने एक बयान में कहा, कि कैपरीकोरनियान शिपिंग एंड लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड जैसी कंपनियों और इसके निदेशकों विजय कुमार शुक्ला और संजय गोस्वामी तथा संबंधित कंपनियों के परिसरों में तलाशी ली गई. जांच एजेंसी के अनुसार, इन संबद्ध कंपनियों में लक्ष्मीटन मैरीटाइम, हिंदुस्तान इंटरनेशनल, राजनंदिनी मेटल्स लिमिटेड, स्टवार्ट अलॉयज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, भाग्यनगर लिमिटेड, विनायक स्टील्स लिमिटेड, वशिष्ठ कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड और उनके निदेशक/साझेदार संदीप गर्ग, विनोद केडिया एवं अन्य के परिसरों की तलाशी ली गई.
हालांकि, ईडी ने यह नहीं बताया कि दिल्ली, हैदराबाद, मुंबई, कोलकाता में विभिन्न स्थानों पर और हरियाणा के कुरुक्षेत्र में ये तलाशी कब ली गई. एजेंसी ने यह भी उल्लेख नहीं किया है कि कहां ‘वाशिंग मशीन’ में नकदी रखी गई थी जिसे जब्त किया गया है. तलाशी के दौरान, 2.54 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी मिली, जिसका एक हिस्सा ‘वॉशिंग मशीन’ में छिपा कर रखा गया था. ईडी ने कहा, कि कुल 47 बैंक खातों से लेन-देन पर भी रोक लगाई गई है.