पशु चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में निरंतर सुधार और नवाचार आवश्यक -डॉ उनियाल
परिषद की बैठक में डॉ उनियाल के नाम पर लगी मुहर
देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य पशुचिकित्सा परिषद की बुधवार को हुई बैठक में सर्वसम्मति से डॉ. कैलाश उनियाल को अध्यक्ष निर्वाचित किया गया। डॉ. कैलाश उनियाल एक प्रतिष्ठित पशुचिकित्सक हैं, जिन्होंने पशुपालन एवं पशु चिकित्सा क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। इससे पूर्व, डॉ. कैलाश 18 वर्षों तक उत्तराखण्ड राज्य पशुचिकित्सा सेवा संघ के अध्यक्ष के पद पर निर्वाचित रहे। इस दौरान उन्होंने उत्तराखण्ड में कार्यरत पशुचिकित्सकों हेतु कई महत्वपूर्ण कार्य किए। उनके नेतृत्व में संघ ने पशुचिकित्सकों के कार्य स्थितियों में सुधार हेतु महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
डॉ. उनियाल का मानना है कि पशु चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में तकनीकी और शैक्षणिक प्रगति के लिए निरंतर सुधार और नवाचार आवश्यक हैं। उनके नेतृत्व में परिषद से यह अपेक्षा की जाती है कि वह राज्य में पशु चिकित्सा सेवाओं के स्तर को और ऊंचा उठाएंगे और पशुचिकित्सकों के लिए अधिक अवसर एवं संसाधन उपलब्ध कराएंगे।
महत्वपूर्ण बैठक में निदेशक, पशुपालन विभाग, डॉ. नीरज सिंघल, डीन, पशुचिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय पंतनगर, डॉ. एस.पी. सिंह, रजिस्ट्रार, उत्तराखण्ड राज्य पशुचिकित्सा परिषद, डॉ. रमेश सिंह नितवाल, अध्यक्ष, उत्तराखण्ड पशुचिकित्सा सेवा संघ, डॉ. नारायण सिंह नेगी, उत्तराखण्ड राज्य पशुचिकित्सा परिषद के सदस्य डॉ. नमित बिजल्वाण, डॉ. मनोज राणा, डॉ. रविन्द्र कुमार, डॉ अभिषेक नौटियाल, डॉ. गणेश मैंदोलिया उपस्थित थे।
बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने डॉ. कैलाश उनियाल को अध्यक्ष निर्वाचित होने पर बधाई दी और उनके कार्यकाल की सफलता की कामना की। सभी ने विश्वास जताया कि उनके नेतृत्व में परिषद राज्य में पशु चिकित्सा सेवाओं के विकास के लिए नए मानक स्थापित करेगी।