शरीर के किसी भी होने वाली पुरानी दर्द को क्रोनिक दर्द कहा जाता है. यह क्रोनिक दर्द कई गंभीर समस्याओं का कारण भी बन सकता है। आज बात करेंगे आखिर क्यों क्रोनिक पेन होता है? साथ ही यह भी जानने की कोशिश करेंगे कि शरीर के किस हिस्से में यह दर्द सबसे ज्यादा होता है। क्रोनिक दर्द कई बार इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि उसे कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है. अगर किसी चोट, बीमारी के बाद अगर दर्द काफी दिनों तक रहता है तो यह क्रोनिक दर्द का रूप ले लेती है।
कई बार यह दर्द 6 महीने से ज्यादा दिनों तक भी रह सकता है। यह दर्द शरीर के किसी भी पार्ट में हो सकता है. वहीं कई बार एक टाइम गैप पर शुरू होता है. कई बार यह दर्द लगातार कई दिनों तक रह सकता है. क्रोनिक दर्द एक गंभीर स्थिति है जिसे नजरअंदाज करना बेहद मुश्किल है। यह दर्द कई बार इतनी ज्यादा मुश्किलें पैदा करती है कि इसका सीधा असर काम और मेंटल हेल्थ पर पड़ता है।
शरीर के इन अंगों में लॉन्ग टर्म तक रहता है क्रोनिक दर्द
क्रोनिक दर्द काफी दिनों तक रहता है. यह शरीर के किसी भी हिस्से में शुरू हो सकता है। यह पूरे शरीर में या किसी एक पार्ट बॉडी में काफी दिनों तक रह सकता है। अक्सर यह पीठ के निचले हिस्से और रीढ़ की हड्डी में होता है। इसके अलावा शरीर के इन जगहों पर भी क्रोनिक दर्द हो सकता है जैसे- पीछ के अपर पार्ट में भी यह दर्द हो सकता है, पैर और कूल्हे में दर्द, गर्दन में दर्द, जोड़ों में दर्द या गठिया, सिरदर्द, पेट में दर्द, कलाई या पैर में दर्द। पुरानी चोट में दर्द।
क्रोनिक दर्द कई कारणों से हो सकते हैं
कैंसर या कैंसर ट्रीटमेंट सर्जरी के बाद यह दर्द शुरू हो सकते हैं।
रूमेटोइड गठिया और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी परेशानी में क्रोनिक दर्द शुरू हो सकते हैं।
कोविड महामारी के कई मामले ऐसे देखें गए कि जिसमें क्रोनिक दर्द सीने में दर्द, सिरदर्द में शुरू हुआ।
दूसरी बीमारी की सर्जरी के बाद भी क्रोनिक पेन शुरू हो जाते हैं।