नई दिल्ली। तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए सीट-बंटवारे समझौते को लेकर 2019 का फॉर्मूला ही दोहराया है। डीएमके ने अपने सहयोगियों- विदुथलाई चिरुथिगल काची (VCK) और मारुमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (MDMK) के साथ सीट-बंटवारे फाइनल कर दिए है।
वीसीके के सांसद थोल थिरुमावलवन ने शुक्रवार को बताया, ‘उनकी पार्टी को दो सीटें आवंटित की गईं, दोनों आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र हैं जबकि वाइको के नेतृत्व वाले एमडीएमके को एक सीट दी गई है।’ उन्होंने कहा कि हमने उसी फॉर्मूले को दोहराया है जो पिछले संसद चुनावों में अपनाया गया था।
उन्होंने बताया, ‘सभी दल इस फॉर्मूले पर सहमत थे. 2019 के संसद चुनावों में, कम्युनिस्ट पार्टियों और वीसीके को दो-दो सीटें मिलीं थीं। एमडीएमके को एक सीट मिली और इसी तरह, इस चुनाव में भी, हम उसी फॉर्मूले पर सहमत हुए हैं।’
थोल. तिरुमावलवन ने आगे कहा, ‘उनकी पार्टी अपने चुनाव चिह्न मिट्टी के बर्तन पर चुनाव लड़ेगी और उन्होंने चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि इसे एक सामान्य चिह्न आवंटित किया जाए क्योंकि वह कर्नाटक, केरल और तेलंगाना में भी लगभग 15 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।’
2019 के चुनावों में, एमडीएमके को एक लोकसभा सीट (जो उसने जीती) और एक राज्यसभा सीट दी गई थी। थोल थिरुमावलवन और वाइको ने द्रमुक अध्यक्ष और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के साथ सीट समझौते को अंतिम रूप दिया और हस्ताक्षर किए।