नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों के बाद विधानसभा उपचुनावों में मिली हार के बाद पश्चिम बंगाल भाजपा में मंथन शुरू हो गया है. बाद वाली हार के बाद भाजपा के भीतर की दरारों को खुलकर सामने ला दिया है. राज्य इकाई के पार्टी के प्रमुख नेता शुभेंदु अधिकारी खुद ही पार्टी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के नारे पर सवाल खड़ा कर रहे हैं.
शुभेंदु अधिकारी का छलका दर्द
लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनावों नतीजों के बाद पहली बार आयोजित दो दिवसीय भाजपा राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक में बोलते हुए अधिकारी का दर्द बाहर आ गया. उन्होंने कहा कि वह विपक्ष के नेता हैं और राज्य में पार्टी संगठन में उनकी कोई भूमिका नहीं है.
‘हम उनके साथ हैं जो हमारे साथ हैं’ नया नारा
शुभेंदु अधिकारी बोले कि हम हिंदुओं को बचाएंगे और संविधान को बचाएंगे. मैंने राष्ट्रवादी मुसलमानों के बारे में बात की है और आप सभी ने कहा ‘सबका साथ, सबका विकास’. लेकिन मैं इसे और नहीं कहूंगा. बल्कि अब हम कहेंगे, ‘हम उनके साथ हैं जो हमारे साथ हैं’.
पीएम मोदी के नारे पर सवाल…
शुभेंदु अधिकारी ने पीएम मोदी ने पहले वाले नारे पर सवाल खड़े किए हैं. अधिकारी ने पीएम मोदी के विचारों से खुद को अलग किया है. पीएम मोदी ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा दिया है, अधिकारी ने इस नारे को खत्म करने की बात की है.’ शुभेंदु अधिकारी ने तो भाजपा को भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चे को भी बंद किए जाने की बातें की हैं.
2021 के विधानसभा चुनावों में 91 फीसदी मुसलमान वोट टीएमसी को मिले
2021 के राज्य विधानसभा चुनावों में, 100 में से 91 मुसलमानों ने टीएमसी को वोट दिया. लोकसभा चुनावों में, 100 में से 95 मुसलमानों ने ममता बनर्जी की पार्टी को वोट दिया. जिसकी वजह से शुभेंदु अधिकारी ने मुसलमानों को लेकर यह बात कही है.
मुस्लिम वोट का विकास से नहीं हो कोई संबंध
मुसलमान सदैव भाजपा के खिलाफ वोट करता चला आ रहा है. इसका विकास कार्यों से कोई लेना-देना नहीं है. साथ ही शुभेंदु अधिकारी ने यह भी कहा कि बंगाल में लोकसभा चुनाव में 50 लाख से अधिक हिंदुओं को वोट ही नहीं देने दिया गया. 10 जुलाई को विधानसभा उपचुनाव में दो लाख से अधिक लोगों को ऐसा नहीं करने दिया गया.