नई दिल्ली। संसद से सेंगोल हटाने की मांग को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. इसे लेकर बीजेपी, एसपी और कांग्रेस के नेताओं के बीच बयानबाजी का दौर जारी है. संसद से सेंगोल हटाने की लिखित मांग समाजवादी पार्टी के नेता और सांसद आरके चौधरी ने उठाई थी. आरके चौधरी ने इसे लेकर लोकसभा स्पीकर और प्रोटेम स्पीकर को चिट्ठी लिखी थी. इसमें उन्होंने ये कहा था कि संसद से सेंगोल को हटाया जाए, वहीं इसकी जगह संविधान की प्रति को लगाया जाए. आरके चौधरी ने चिट्ठी में आगे लिखा कि संसद में संविधान की प्रति का रखना ज्यादा बेहतर है क्योंकि ये लोकतंत्र के मूल्यों को दर्शाता है. आरके चौधरी की इस मांग के बाद देश की अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों के नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आने लगीं.
सेंगोल विवाद को लेकर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपना प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमारी पार्टी के सांसद आरके चौधरी ने ये मांग की होगी क्योंकि जब नई संसद में सेंगोल पहली बार लगाया गया था तब पीएम नरेंद्र मोदी ने उसे प्रणाम किया था. लेकिन इस बार शपथ लेते वो ये करना भूल गए. वहीं इस मामले पर बिहार से बीजेपी के नेता और उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए पत्रकारों से कहा कि कांग्रेस सत्ता में आने के लिए भ्रम फैलाने की राजनीति कर रही है.