नई दिल्ली। आजादी के बाद भारत के 18वें लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 99 सीटों पर जीत दर्ज की, जिसमें से राहुल गांधी ने रायबरेली और वायनाड दोनों संसदीय क्षेत्रों से भारी मतों से जीत दर्ज की. कांग्रेस अध्यक्ष भले ही मल्लिकार्जुन खड़गे हैं, लेकिन इस लोकसभा चुनाव पार्टी के प्रदर्शन का श्रेय राहुल गांधी को दिया जा रहा है. अब राहुल गांधी को संसद में विपक्ष के नेता के पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है. इससे पहले कांग्रेस के निर्वाचित सांसद मनिकम टैगोर ने एक्स पर एक पोस्ट में पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से निचले सदन में कांग्रेस का नेता बनने का आग्रह किया था. तमिलनाडु के विरुधुनगर से जीते टैगोर के अलावा कई और कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी ऐसी ही डिमांड रखी है.
सांसद मनिकम टैगोर ने अपने पोस्ट में लिखा, ‘मैंने अपने नेता राहुल गांधी के नाम पर वोट मांगा. मेरा मानना है कि उन्हें लोकसभा में कांग्रेस का नेता होना चाहिए. मुझे उम्मीद है कि निर्वाचित कांग्रेस सांसद भी ऐसा ही सोचेंगे. देखते हैं कांग्रेस संसदीय दल क्या फैसला करता है. हम एक डेमोक्रेटिक पार्टी हैं.’ कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने भी यही बात दोहराई और कहा, ‘राहुल जी ने प्रचार अभियान का नेतृत्व किया, वह चेहरा थे. वह लोकसभा संसदीय दल के नेतृत्व की जिम्मेदारी संभालने के लिए बाध्य हैं. कुछ निर्णय निश्चित रूप से पार्टी नेताओं या सांसदों को सर्वसम्मति से लेने होंगे.’
कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने कहा, ‘…मुझे लगता है कि यह स्थान कांग्रेस के पास आएगा. मेरी निजी राय है कि राहुल गांधी को खुद ही कांग्रेस की ओर से विपक्ष के नेता का पद संभालना चाहिए.’ राहुल गांधी, जिन्होंने 2019 के लोकसभा चुनावों में सबसे पुरानी पार्टी की हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ दिया था, को पार्टी 2024 में शानदार वापसी का श्रेय दे रही है. सिर्फ कांग्रेस नेता ही नहीं, यहां तक कि शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने भी गांधी की तारीफ की है. उन्होंने कहा, ‘अगर राहुल गांधी नेतृत्व स्वीकार करने के लिए तैयार हैं, तो हमें आपत्ति क्यों होगी? उन्होंने कई बार खुद को राष्ट्रीय नेता के रूप में साबित किया है. वह लोकप्रिय नेताओं में से एक हैं. हम सभी उसे चाहते हैं और उससे प्यार करते हैं. गठबंधन में कोई आपत्ति या मतभेद नहीं है.’