दिल्ली मेट्रो को राजधानी की लाइफलाइन कहा जाता है, और इसका महत्व दिल्लीवासियों के लिए किसी से छिपा नहीं है। रोजाना लाखों लोग मेट्रो से यात्रा करते हैं, लेकिन 18 नवंबर को दिल्ली मेट्रो ने अपने इतिहास का सबसे बड़ा रिकॉर्ड बना दिया। इस दिन मेट्रो की सवारी करने वाले यात्रियों की संख्या 78.67 लाख रही, जो अब तक का सबसे अधिक आंकड़ा है।
इस रिकॉर्ड संख्या में मेट्रो से यात्रा करने का मुख्य कारण दिल्ली में जारी गंभीर प्रदूषण को माना जा रहा है। राष्ट्रीय राजधानी इस समय वायु प्रदूषण से जूझ रही है, जिसके कारण लोग प्रदूषण से बचने के लिए मेट्रो जैसी प्रदूषण-रहित यात्रा के साधनों का उपयोग कर रहे हैं। इसके अलावा, 18 नवंबर को दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के अनुबंधित बस चालकों और कंडक्टरों की हड़ताल भी रही, जिससे सड़क परिवहन प्रभावित हुआ और मेट्रो की सवारी में इजाफा हुआ।
दिल्ली मेट्रो ने इस साल अगस्त में 77.49 लाख यात्रियों के साथ नया रिकॉर्ड बनाया था, लेकिन 18 नवंबर को वह आंकड़ा भी पार कर लिया गया। इस दिन, गुरुग्राम के मिलेनियम सिटी सेंटर से दिल्ली के समयपुर बादली तक चलने वाली येलो लाइन पर सबसे ज्यादा ट्रैफिक देखा गया, जहां 20.99 लाख यात्रियों ने यात्रा की।
मेट्रो की अन्य लाइनों पर भी यात्रा का दबाव रहा। ब्लू लाइन पर 20.80 लाख, रेड लाइन पर 8.56 लाख, पिंक लाइन पर 8.15 लाख, वॉयलेट लाइन पर 7.93 लाख, मैजेंटा लाइन पर 6.19 लाख, ग्रीन लाइन पर 4.12 लाख, एयरपोर्ट लाइन पर 81,985, रैपिड मेट्रो पर 57,701 और ग्रे लाइन पर 50,128 लोगों ने यात्रा की।
दिल्ली मेट्रो की सेवा को बेहतर बनाने के लिए अब हर दिन 60 अतिरिक्त फेरे लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा, डीएमआरसी ने ऑनलाइन टिकट बुकिंग की सेवा भी शुरू की है, जिससे यात्रियों को टोकन काउंटर पर लंबी लाइन से छुटकारा मिला है।
दिल्ली मेट्रो ना केवल दिल्लीवासियों, बल्कि नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद के निवासियों के लिए भी एक अहम परिवहन साधन बन चुकी है। साथ ही, यह दिल्ली आने वाले पर्यटकों के लिए भी एक सुविधाजनक और सस्ता यात्रा विकल्प है।