नई दिल्ली: देश के अन्नदाता अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर दिल्ली कूच की योजना बना रहे हैं। इसको देखते हुए दिल्ली पुलिस ने राजधानी के सभी बॉर्डरों को बैरिकेड लगाकर सील कर दिया है। इसके चलते सड़कों पर कई किलोमीटर लंबा जाम देखने को मिला।
40-45 हजार किसान सड़क पर उतरे
ताजा जानकारी के अनुसार, किसानों ने फिलहाल दिल्ली कूच का फैसला टाल दिया है। हालांकि, 2 दिसंबर को करीब 40 से 45 हजार किसानों ने संसद का घेराव करने की योजना बनाई थी।
संसद का शीतकालीन सत्र जारी
संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। ऐसे में किसान संगठन अपनी पांच बड़ी मांगों को लेकर जंतर-मंतर और संसद घेराव करना चाहते थे। दिल्ली पुलिस ने इसे देखते हुए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं।
किसानों की पांच बड़ी मांगें
1. भूमि अधिग्रहण और उचित मुआवजा
किसान चाहते हैं कि भूमि अधिग्रहण होने पर उन्हें बाजार दर का चार गुना मुआवजा दिया जाए।
उदाहरण के तौर पर गोरखपुर हाईवे परियोजना में किसानों को उचित मुआवजा मिला था, लेकिन गौतमबुद्ध नगर के किसानों का आरोप है कि उन्हें इसका लाभ नहीं मिला।
2014 के बाद सर्किल रेट में बढ़ोतरी नहीं होने से मुआवजा कम आंका जा रहा है।
2. फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)
किसानों की मांग है कि फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी कानून द्वारा दी जाए।
एमएसपी का भुगतान समय पर किया जाए और किसानों के बकाया राशि का भी निपटारा हो।
3. भूमिहीन किसानों और पुनर्वास की समस्या
किसान पुनर्वास के लिए:
अधिग्रहण पर 10 प्लॉट लौटाने,
बाजार दर का 4 गुना मुआवजा, और
भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार देने की मांग कर रहे हैं।
4. अन्य पुरानी मांगें
किसानों के कर्ज माफ किए जाएं।
वृद्ध किसानों के लिए पेंशन लागू हो।
बिजली के बढ़ते दामों पर रोक लगे।
आंदोलन के दौरान दर्ज पुलिस केस वापस लिए जाएं।
लखीमपुर खीरी हिंसा जैसे मामलों में पीड़ित परिवारों को न्याय और मुआवजा मिले।
5. सरकार से बातचीत की मांग
किसानों का कहना है कि सरकार ने 18 फरवरी 2024 के बाद से उनकी समस्याओं पर कोई बातचीत नहीं की है। संयुक्त किसान मोर्चा ने स्पष्ट कर दिया है कि अब आंदोलन आर-पार की स्थिति में जाएगा।
दिल्ली पुलिस का अलर्ट
दिल्ली पुलिस ने सभी बॉर्डरों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। प्रदर्शनकारियों को राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
स्थिति पर नजर बनाए रखें।