नई दिल्ली। राज्यसभा में मंगलवार को सभापति जगदीप धनखड़ और नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच गहमागहमी देखने को मिली. दोनों के उस समय कुछ देर के लिए वाकयुद्ध छिड़ गया जब सभापति ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि वरिष्ठ सदस्य जयराम रमेश को विपक्ष के नेता का स्थान ग्रहण कर लेना चाहिए.
जगदीप धनखड़ ने सदन की कार्यवाही के दौरान बार-बार टोका-टोकी करने का प्रयास कर रहे कांग्रेस सांसद जयराम रमेश को अनुशासित करने के प्रयास के तहत यह बात कही थी. उस समय कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग ले रहे थे.
जगदीप धनखड़ और खड़गे के बीच छिड़ी बहस
जयराम रमेश पर की गई टिप्पणी के बाद कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने पलटवार करते हुए सभापति धनखड़ से कहा कि वह वर्ण व्यवस्था को बीच में न लाएं. इस कड़वाहट भरे संवाद की शुरुआत उस वक्त हुई जब तिवारी ने सरकार पर कुछ आरोप लगाए. सभापति ने उनसे कहा कि उन्हें अपने आरोपों को सत्यापित भी करना होगा. इस पर जयराम रमेश ने कहा कि सत्यापित कर दिया जाएगा.
इसके बाद सभापति ने कहा, ‘वरिष्ठ नेतृत्व (खड़गे) यहां है. मुझे लगता है कि आपको (रमेश को) खड़गे की जगह ले लेनी चाहिए. आप इतने बुद्धिमान, इतने प्रतिभाशाली हैं, आपको तत्काल आकर खड़गे के स्थान पर बैठना चाहिए क्योंकि कुल मिलाकर आप उनका काम कर रहे हैं.’
इसके बाद खड़गे ने कहा, ‘वर्ण व्यवस्था को मत लाओ. इसीलिए आप रमेश को बहुत समझदार कह रहे हैं और मैं सुस्त हूं.’ गुस्साए धनखड़ ने खड़गे पर आरोप लगाया कि उन्होंने उनकी टिप्पणी को तोड़-मरोड़कर पेश किया और उनका ऐसा मतलब कभी नहीं था.
उन्होंने कहा, ‘संसदीय लोकतंत्र और राज्यसभा की कार्यवाही के इतिहास में कभी भी आसन की इस तरह की अवहेलना नहीं हुई.’ खड़गे ने कहा कि वह आज जो कुछ भी हैं, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और देश के लोगों की वजह से हैं. बाद में तिवारी ने संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति द्वारा दिए गए अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर अपनी बात जारी रखी.