कोलकाता: दक्षिण 24 परगना जिले के जयनगर में हुई एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म और हत्या के मामले में पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है। बारुईपुर के त्वरित अपर जिला न्यायालय ने इस मामले के मुख्य आरोपी मुस्तकिन सरदार को मौत की सजा सुनाई है। यह फैसला राज्य में चल रहे आरजी कर कांड आंदोलन के बीच आया है, जहां न्याय की मांग को लेकर राज्यभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। वहीं, जयनगर मामले में केवल 63 दिनों में दोषी को सजा मिल गई, जो एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
घटना का विवरण
चार अक्टूबर को, एक नाबालिग लड़की ट्यूशन से घर लौटते समय लापता हो गई थी। कई घंटों तक उसका कोई पता नहीं चला और बाद में उसका शव घर के पास स्थित जलाशय से बरामद किया गया। पुलिस ने तुरंत जांच शुरू करते हुए मुस्तकिन सरदार को गिरफ्तार किया, जो इस घिनौने अपराध का मुख्य आरोपी था।
तेज न्यायिक प्रक्रिया पर खुशी जाहिर की गई
जयनगर मामले में दोषी को मौत की सजा मिलने के बाद, राज्य पुलिस ने अपनी सफलता पर खुशी जाहिर की है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इस मामले में न्याय मिलने की प्रक्रिया अभूतपूर्व रूप से तेज रही, जो अन्य मामलों के मुकाबले एक मिसाल है। उन्होंने कहा कि उनका एकमात्र उद्देश्य था, पीड़िता और उसके परिवार को जल्द से जल्द न्याय दिलाना, और इसमें वे सफल रहे।
आरजी कर कांड और न्यायपालिका का विश्वास
इस फैसले ने राज्य में न्यायपालिका के प्रति लोगों का विश्वास और बढ़ा दिया है, खासकर उस समय जब आरजी कर कांड में न्याय मिलने में देरी हो रही है। जयनगर मामले में मात्र 63 दिनों में न्याय दिया गया, जो एक तेज़ और प्रभावी न्यायिक प्रक्रिया का उदाहरण बनकर उभरा है।
राज्य में यह फैसला एक संदेश के रूप में सामने आया है कि अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी, और न्यायपालिका की ओर से पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।