नई दिल्ली। कोर्ट ने तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका पर सुनवाई 22 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी है। बालाजी को पिछले साल धन शोधन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने समय की कमी के कारण शुक्रवार को मामले की सुनवाई स्थगित कर दी। शीर्ष अदालत ने एक अप्रैल को एजेंसी को नोटिस जारी करते हुए बालाजी की जमानत याचिका पर ईडी से जवाब मांगा था।
शीर्ष अदालत ने एक अप्रैल को ईडी को नोटिस जारी करते हुए बालाजी की जमानत याचिका पर जवाब मांगा था। बालाजी की जमानत याचिका को खारिज करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय ने 28 फरवरी को कहा था कि अगर उन्हें इस तरह के मामले में जमानत पर रिहा किया जाता है तो इससे गलत संकेत जाएगा और यह व्यापक जनहित के खिलाफ होगा।
अदालत ने कहा था कि याचिकाकर्ता आठ महीने से अधिक समय तक जेल में रह चुका है, इसलिए विशेष अदालत को एक समय सीमा के भीतर मामले का निपटारा करने का निर्देश देना अधिक उपयुक्त होगा। उच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि शीर्ष अदालत द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार दैनिक आधार पर सुनवाई की जाए। बालाजी को पिछले साल 14 जून को नौकरी के लिए नकदी घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया गया था। यह मामला उस वक्त का है जब बालाजी ऑल इंडिया अन्ना द्रविड मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) सरकार में परिवहन मंत्री थे।
पिछले साल 12 अगस्त को ईडी ने बालाजी के खिलाफ 3,000 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया। उच्च न्यायालय ने 19 अक्टूबर को बालाजी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। स्थानीय अदालत ने भी तीन बार उनकी जमानत याचिका खारिज की थी।