नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता को लेकर देश में नया विवाद छिड़ गया है। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने गृह मंत्रालय (एमएचए) को राहुल गांधी की नागरिकता रद्द करने का निर्देश देने की मांग की।
सुब्रमण्यम स्वामी के आरोप
सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी याचिका में दावा किया है कि 2003 में यूनाइटेड किंगडम में “बैकॉप्स लिमिटेड” नामक एक कंपनी रजिस्टर हुई थी, जिसमें राहुल गांधी निदेशकों और सचिवों में से एक थे। स्वामी ने आरोप लगाया कि 2005 और 2006 में कंपनी के वार्षिक रिटर्न से यह स्पष्ट होता है कि राहुल गांधी ने अपनी ब्रिटिश नागरिकता का ऐलान किया था, जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 9 और भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 का उल्लंघन है।
गृह मंत्रालय से जवाब की मांग
रिपोर्ट के अनुसार, गृह मंत्रालय ने 29 अप्रैल, 2019 को राहुल गांधी को पत्र लिखकर उनसे इस मामले पर तथ्यात्मक स्थिति स्पष्ट करने को कहा था। सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप है कि उनके पत्र के पांच साल बाद भी गृह मंत्रालय की ओर से इस मामले पर कोई स्पष्ट फैसला नहीं लिया गया है।
राहुल गांधी का राजनीतिक सफर
राहुल गांधी, जो कि पांच बार सांसद रह चुके हैं, ने 2004 से 2019 के बीच अमेठी से तीन बार लोकसभा चुनाव जीता था। 2019 में अमेठी में भाजपा की स्मृति ईरानी से हारने के बाद उन्होंने केरल के वायनाड से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इस वर्ष के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 99 सीटों के साथ इंडिया ब्लॉक की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर नेता प्रतिपक्ष का पद प्राप्त किया।