नई दिल्ली। हरियाणा की बीजेपी नीत सरकार पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं. कांग्रेस (Congress) ने तीन निर्दलीय विधायकों के भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद पैदा हुई स्थिति के मद्देनजर बृहस्पतिवार को राज्यपाल से मिलने का समय मांगा.
नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि अल्पमत वाली सरकार को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए. शुक्रवार को प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के लिए समय मांगते हुए कांग्रेस की ओर से राज्यपाल कार्यालय को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि वह राज्य की वर्तमान राजनीतिक स्थिति के संबंध में एक ज्ञापन प्रस्तुत करना चाहती है.
कांग्रेस ने हरियाणा के राज्यपाल से मांगा समय
पत्र में कहा गया है कि कांग्रेस विधायक दल के उप नेता आफताब अहमद और मुख्य सचेतक बी बी बत्रा एवं पार्टी के अन्य नेताओं के नेतृत्व में कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल 10 मई को राज्यपाल से मिलना चाहता है.
तीन निर्दलीय विधायकों ने मंगलवार को राज्य में नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था, जिसके बाद विपक्षी दलों ने दावा किया कि इससे राज्य विधानसभा में सरकार अल्पमत में आ गई है. हालांकि, मुख्यमंत्री सैनी ने कहा है कि उनकी सरकार संकट में नहीं है.
दुष्यंत चौटाला ने भी गर्वनर को लिखा पत्र
इससे पहले, जननायक जनता पार्टी (जजपा) के नेता दुष्यंत चौटाला ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को पत्र लिखकर कहा कि मुख्यमंत्री सैनी के नेतृत्व वाली सरकार के पास अब बहुमत नहीं है जिसके मद्देनजर तत्काल शक्ति परीक्षण कराया जाना चाहिए.
‘राज्यपाल के सामने 10 विधायकों की परेड कराते’
जजपा द्वारा राज्यपाल को पत्र लिखने पर टिप्पणी करने के लिए पूछे जाने पर नेता प्रतिपक्ष हुड्डा ने कहा, ‘हमने भी राज्यपाल से समय मांगा है.’ हुड्डा कांग्रेस के उम्मीदवार राव दान सिंह के लिए भिवानी में प्रचार कर रहे थे. एक अन्य सवाल पर हुड्डा ने कहा, ‘हमारे पास 30 विधायक है. जजपा के संबंध में, यह बेहतर होता कि वे राज्यपाल के सामने 10 विधायकों की परेड कराते.’
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ‘हमारे विधायकों को लेकर कोई विवाद नहीं है. उनके (जजपा के) कुछ विधायक किसी और का समर्थन कर रहे हैं. उन्हें अपने 10 विधायकों के साथ राज्यपाल के पास जाने दीजिए.’ तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद हुड्डा ने कहा कि सैनी सरकार अल्पमत में है.
मार्च में टूटा था भाजपा-जजपा का गठबंधन
भाजपा और जजपा का गठबंधन मार्च में मनोहर लाल खट्टर की जगह सैनी के मुख्यमंत्री बनने के बाद टूट गया था. भाजपा-जजपा पर निशाना साधते हुए हुड्डा ने कहा, ‘उन्होंने गठबंधन तोड़ने के लिए समझौता किया. लोग इसे समझते हैं.’
उन्होंने कहा कि लोग जानते हैं कि (लोकसभा चुनाव में) कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधी लड़ाई है, अन्य ‘वोटकटवा’ पार्टियां हैं. कांग्रेस नेता ने कहा, ‘जब उन्होंने (जजपा ने) 2019 में (भाजपा के साथ) चुनाव बाद गठबंधन किया था, तब भी मैंने कहा था कि यह किसी नीति पर नहीं, बल्कि स्वार्थ पर आधारित है.’
जजपा नेता दुष्यंत चौटाला ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस को सोचना होगा कि क्या वे भाजपा की अल्पमत सरकार को गिराने के लिए कदम उठाएंगे. इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, हुड्डा ने बुधवार को कहा, ‘उन्हें राज्यपाल को लिखना चाहिए (कि सरकार अल्पमत में है).’