नई दिल्ली: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने गुरुवार को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ ली। प्रियंका गांधी, जो केरल की वायनाड सीट से सांसद चुनी गई हैं, का शपथ ग्रहण समारोह बेहद खास रहा। इस दौरान प्रियंका ने हाथ में संविधान की लाल किताब थाम रखी थी और वे पारंपरिक साड़ी में नजर आईं, जो इस मौके पर खास बन गई। प्रियंका गांधी ने इस खास अवसर के लिए केरल की पारंपरिक कसावु साड़ी चुनी, जो सफेद और सुनहरे बॉर्डर वाली साड़ी है और केरल की सांस्कृतिक पहचान को दर्शाती है।
प्रियंका गांधी की साड़ी और उनके अद्भुत अंदाज को देखकर कई लोगों को उनकी दादी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की याद आ गई, जिन्हें अक्सर पारंपरिक साड़ियों में देखा जाता था। प्रियंका गांधी के दिखने और बोलने के तरीके के कारण उनकी अक्सर इंदिरा गांधी से तुलना की जाती है।
नेहरू-गांधी परिवार का ऐतिहासिक क्षण
यह घटना दशकों बाद हुई है जब नेहरू-गांधी परिवार के तीनों सदस्य— सोनिया गांधी, राहुल गांधी, और प्रियंका गांधी— अब संसद में मौजूद हैं। यह एक ऐतिहासिक पल था, क्योंकि प्रियंका गांधी वाड्रा ने पहली बार संसद में शपथ ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, जो इस समय केरल की वायनाड सीट से सांसद हैं, और उनकी मां सोनिया गांधी भी शपथ ग्रहण के समय मौजूद थीं। इस मौके पर प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा, उनके बेटे रेहान वाड्रा, और बेटी मिराया वाड्रा भी संसद पहुंचे थे।
प्रियंका गांधी का शपथ ग्रहण संदेश
प्रियंका गांधी ने शपथ ग्रहण के दौरान अपने भाषण में कहा, “मैं प्रियंका गांधी वाड्रा, जो लोकसभा की सदस्य निर्वाचित हुई हूं, सत्य निष्ठा से यह शपथ लेती हूं कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगी। मैं भारत की प्रभुता और अखंडता को अक्षुण्ण रखूंगी और जिस पद को मैं ग्रहण करने वाली हूं, उसके कर्तव्यों का श्रद्धापूर्वक निर्वहन करूंगी। जय हिंद।”
प्रियंका गांधी की ऐतिहासिक जीत
प्रियंका गांधी के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण था, क्योंकि उन्होंने पहली बार लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ ली। प्रियंका ने केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भारी जीत दर्ज की। उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) के उम्मीदवार सत्यन मोकेरी को 4,10,931 वोटों के बड़े अंतर से हराया, जो उनकी लोकप्रियता और क्षेत्रीय समर्थन को दर्शाता है।
यह चुनावी जीत प्रियंका गांधी के राजनीतिक करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई है और उनके लिए लोकसभा में सक्रिय भूमिका निभाने का एक नया अध्याय शुरू हुआ है।