नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से सभी वीवीपैट पर्चियों का ईवीएम के जरिए डाले गए वोटों से मिलान करने के निर्देश देने की मांग वाली याचिका खारिज करने के एक दिन बाद, कांग्रेस ने कहा कि वह याचिका में पक्षकार नहीं है. नरेंद्र मोदी की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कि फैसला विपक्ष पर एक ‘करारा तमाचा’ था, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री को चुनावी बांड मामले में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से ‘थप्पड़’ की याद दिलाई थी.
जयराम रमेश ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस वीवीपैट पर याचिका में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से एक पार्टी नहीं थी, जिसे आज सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. पीएम मोदी की ‘करारा तमाचा’ वाली टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, ‘कुछ हफ्ते पहले सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार से भरी चुनावी बांड योजना को न सिर्फ अवैध घोषित करके पीएम को करारा तमाचा मारा था.
रमेश ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री को पिछले पांच सालों में भ्रष्टाचार के चार प्राथमिक माध्यमों में चंदा दो, धंधा लो, ठेका लो, घूस दो, हफ्ता वसूली, और के माध्यम से 8,200 करोड़ रुपये इकट्ठा करने के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए. रमेश ने पहले भी एक मीडिया रिपोर्ट को हरी झंडी दिखाते हुए इसी तरह का आरोप लगाया था, जिसमें दावा किया गया था कि बीजेपी वको चुनावी बांड के माध्यम से घाटे में चल रही 33 कंपनियों की तरफ से दान किए गए 582 करोड़ रुपये में से 75 प्रतिशत प्राप्त हुआ था.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से डाले गए वोटों का वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्चियों से पूरा सत्यापन कराने की मांग वाली सभी याचिकाएं शुक्रवार (26 अप्रैल) को खारिज कर दीं. इसे लेकर पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साथा था. उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से विपक्ष के चेहरे पर करारा तमाचा. अब मुंह ऊंचा करके देख नहीं पाएंगे. आज का दिन लोकतंत्र के लिए शुभ दिन, विजय का दिन. पुराना दौर वापस लौटकर नहीं आएगा. इंडिया गठबंधन के हर नेता को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए.