कांग्रेस हाईकमान ने ईडी व सीबीआई झेल रहे हरक सिंह को उड़ीसा का पर्यवेक्षक बनाया
कांग्रेस नेतृत्व के फैसले से पूर्व सीएम हरीश रावत को हरिद्वार में मिली राहत
कांग्रेस पांचों लोकसभा सीट पर दिग्गजों पर खेलेगी दांव
देहरादून। पाखरो टाइगर सफारी समेत अन्य मामलों में सीबीआई व ईडी की जांच का सामना कर रहे पूर्व मंत्री हरक सिंह को कांग्रेस नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव के बाबत अहम जिम्मेदारी सौंप दी है। हरक सिंह रावत को उड़ीसा का आब्जर्वर बनाया गया है। हरक सिंह के साथ मीनाक्षी नटराजन व प्रगट सिंह को भी पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी दी गयी है।
इस जिम्मेदारी के बाद यह भी साफ हो गया है कि कांग्रेस हाईकमान हरक सिंह को लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ाने जा रहा। हरक सिंह हरिद्वार से टिकट के दावेदारों में शुमार थे। हरक सिंह लम्बे समय से हरिद्वार लोकसभा में विभिन्न कार्यक्रमों में व्यस्त भी रहे। और लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताकर हरदा को गम्भीर संकट में डाल दिया था। अब हरक सिंह को उड़ीसा शिफ्ट करने के बाद हरिद्वार सीट से पूर्व सीएम हरीश रावत का रास्ता साफ बताया जा रहा है।
इस बीच, रविवार कांग्रेस के अंदर राजनीति घटनाक्रम तेजी से घूमा। पूर्व सीएम हरदा रामलला के दर्शन कर आये। जबकि प्रदेश अध्यक्ष मेहरा ने प्रीतम सिंह के घर जाकर मेल मुलाकात की। प्रीतम सिंह टिहरी लोकसभा सीट से पार्टी के सबसे मजबूत दावेदारों में शुमार हैं।
मनीष खंडूडी के भाजपा में जाने के बाद पौड़ी लोकसभा सीट से गणेश गोदियाल के चुनावी अखाड़े में उतारे जाने की चर्चाओं पर मुहर लग चुकी है। नैनीताल व अल्मोड़ा सीट पर यशपाल आर्य, रंजीत रावत, महेंद्र पाल, प्रदीप टम्टा सशक्त दावेदारों में उभरे हैं। हल्द्वानी घपले व सपा के उम्मीदवार नहीं उतरने पर कांग्रेस नैनीताल व हरिद्वार सीट पर मजबूती मिलने के भी कयास लगा रही है।
बहरहाल, पूर्व मंत्री हरक सिंह की करीबी व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा के कांग्रेस छोड़ने के बाद हरक सिंह के राजनीतिक कदम को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया था। इस बीच, कांग्रेस हाईकमान ने हरक सिंह को उड़ीसा की जिम्मेदारी देकर जहां हरिद्वार में जारी टिकट की जंग को ठंडा करने की कोशिश की। वहीं, संकट में घिरे हरक सिंह को भी ऑक्सीजन मुहैया करा दी।