नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के कथित शराब घोटाले मामले में गिरफ्तार हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस याचिका का विरोध किया, जिसमें CM की रिहाई की मांग की गई थी। ईडी ने मंगलवार, 2 अप्रैल की शाम सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया। ईडी के मुताबिक दिल्ली शराब घोटाले से सबसे ज्यादा फायदा आम आदमी पार्टी (आप) को मिला है।
केजरीवाल को लेकर कोर्ट में क्या बोली ईडी?
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ही शराब घोटाले मामले के किंगपिन और मुख्य साजिशकर्ता है।
जांच एजेंसी ने कहा CM केजरीवाल आबकारी नीति के निर्धारण में सीधे तौर पर शामिल रहे है। इस नीति के जरिए उन्होंने कुछ लोगों को फायदा पहुंचाकर रिश्वत ली।
ईडी ने बताया कि केजरीवाल आप के संयोजक के साथ पार्टी के कर्ताधर्ता है।वे नीति के जरिए कमाए काले धन को गोवा में चुनाव प्रचार में इस्तेमाल करने में शामिल रहे है।
ED ने दावा किया कि उनके पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि साउथ ग्रुप से जुड़े हुए लोगों ने AAP गोवा के चुनाव अभियान के लिए 45 करोड़ रुपये भेजे।
जांच एजेंसी ने दिल्ली हाई कोर्ट में कहा आप कार्यकर्ताओं द्वारा वेंडर्स, सर्वे वॉलंटियर, विधानसभा प्रबंधकों को गोवा में नकद भुगतान किए जाने के उनके पास पुख्ता सबूत हैं।
यहीं नहीं आम आदमी पार्टी गोवा चुनाव अभियान में शामिल लोगों ने भी कैश की रकम हासिल की है। क्योंकि AAP से सीधे उनके बैंक खातों में सैलरी मिलती थी।
ईडी ने कहा ये कहना बेतुका होगा कि केजरीवाल जो दिल्ली के सीएम हैं, वो खुद ही हवाला लेनदेन को संभालेंगे। इसलिए, इस साजिश के बारे में उनकी जानकारी ही, प्रोसीड्स ऑफ क्राइम के लेन देन और इस्तेमाल में उनकी भूमिका को दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत है।