नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के दूसरे हैकाथॉन की घोषणा की, जिसका उद्देश्य शीर्ष अदालत के कामकाज को सुगम बनाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग करना होगा।
मुख्य न्यायाधीश ने दिन की कार्यवाही की शुरुआत में बताया कि एआई का उपयोग शीर्ष अदालत के रजिस्ट्री के कामकाज को सुचारू बनाने के लिए किया जाएगा, ताकि “याचिकाओं में दोषों को दूर करना और न्यायिक रिकॉर्ड का प्रारूपण और छंटाई” जैसे मुद्दों से निपटा जा सके।
सुप्रीम कोर्ट के स्थापना के 75वें वर्ष में आयोजित हो रहे इस हैकाथॉन को केंद्र सरकार के ‘मायगव’ एप्लिकेशन के साथ मिलकर आयोजित किया जाएगा, ऐसा जस्टिस चंद्रचूड़ ने बताया।
“इस बार हैकाथॉन का मुख्य ध्यान एआई के उपयोग पर होगा, ताकि सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्री के कामकाज को जैसे याचिकाओं में दोषों को दूर करना और प्रारूपण और छंटाई करना जैसी प्रक्रियाओं को सुगम बनाया जा सके। हम पूरी तरह से एआई-आधारित मॉडल की ओर बढ़ रहे हैं। मैं सभी नवोन्मेषी युवा मस्तिष्कों से अनुरोध करता हूँ कि कृपया इसमें भाग लें… सबमिट करने की अंतिम तिथि 31 अगस्त है और मूल्यांकन 14 सितंबर को किया जाएगा,” उन्होंने कहा।
मुख्य न्यायाधीश ने हल्के अंदाज में कहा, “सभी नवोन्मेषी युवा मस्तिष्क इसमें भाग लें। यहां युवा से मेरा मतलब केवल उम्र में युवा से नहीं है।”
हैकाथॉन आमतौर पर “कोडफेस्ट” के रूप में जाना जाता है। यह एक सामाजिक कोडिंग कार्यक्रम है जिसे कंप्यूटर प्रोग्रामरों और अन्य इच्छुक लोगों को एक साथ लाने के लिए आयोजित किया जाता है ताकि नए सॉफ्टवेयर प्रोग्राम को बेहतर बनाया जा सके या उसे विकसित किया जा सके।