नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपने एक भाषण में दावा किया था कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा आयोजन में भारत की माननीय राष्ट्रपति महोदया को आदिवासी होने के कारण आमंत्रित नहीं किया गया था. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इस दावे को असत्य, निराधार और भ्रामक बताया है.
चंपत राय ने राहुल के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह बयान बिल्कुल झूठे, निराधार और भ्रामक हैं. प्राण प्रतिष्ठा में राष्ट्रपति मुर्मू और पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद दोनों को आमंत्रित किया गया था. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अत्यंत गरीबों को आमंत्रित किया गया था.
‘समाज में मतभेद पैदा करने की कोशिश’
राय ने एक्स पर ट्रस्ट के आधिकारिक हैंडल पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा कि तथ्यों की उचित जानकारी के बिना ऐसे झूठे, निराधार और भ्रामक भाषण देने से समाज में गंभीर मतभेद पैदा हो सकते हैं. इसलिए, भाषण के ये पहलू हमारे लिए बेहद अपमानजनक हैं.
राय ने कहा, ‘मैं श्री राहुल गांधी को बताना चाहूंगा कि भारत की सम्मानित राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू और पूर्व राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद दोनों को अयोध्या में आयोजित शुभ समारोह में आमंत्रित किया गया था. भारत की प्रगति में योगदान देने वाले विभिन्न क्षेत्रों के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के संतों, परिवारों और गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित किया गया था.’
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, मंदिर के निर्माण में शामिल श्रमिक भी प्राण प्रतिष्ठा समारोह में उपस्थित थे. प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के दौरान भी, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ी जातियों के कई परिवारों को श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शुभ मंडप में पूजा करने का अवसर दिया गया था.
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल 22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह की अध्यक्षता की थी. वाराणसी से आए पुरोहितों की देखरेख में वैदिक अनुष्ठान किये गए. राम मंदिर के भव्य उद्घाटन समारोह में पीएम के साथ-साथ बड़ी संख्या में वीवीआईपी लोगों को भी आमंत्रित किया गया था.