केंद्र संचार विभाग ने काटे 1.77 करोड़ फर्जी मोबाइल कनेक्शन, 45 लाख फर्जी कॉल भी ब्लॉक

Central Communication Department disconnected 1.77 crore fake mobile connections, 45 lakh fake calls also blocked

नई दिल्ली। केंद्र संचार विभाग ने शुक्रवार को जानकारी दी कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित उपकरणों का उपयोग करते हुए अब तक 1.77 करोड़ फर्जी मोबाइल कनेक्शन काट दिए गए हैं। इन कनेक्शनों में नकली या जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया जा रहा था। इसके साथ ही 45 लाख से ज्यादा फर्जी कॉल्स को भी ब्लॉक किया गया है। यह कदम साइबर अपराध और धोखाधड़ी पर लगाम लगाने में अहम भूमिका निभा रहा है, जिससे देशवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी।

संचार विभाग ने बताया कि चार प्रमुख दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (TSP) ने दूरसंचार विभाग (DOT) के सहयोग से इस उन्नत प्रणाली को सफलतापूर्वक लागू किया है। इसके तहत फर्जी अंतर्राष्ट्रीय कॉल्स को भारतीय दूरसंचार नेटवर्क में प्रवेश करने से रोका गया है। इस प्रणाली के अगले चरण में एक केंद्रीकृत प्रणाली को शामिल किया जाएगा, जो सभी बचे हुए फर्जी कॉल्स को समाप्त करेगी।

उन्नत प्रणाली की तैयारियां
संचार विभाग ने इस उन्नत प्रणाली को दो चरणों में लागू किया है। पहले चरण में टेलीकॉम ऑपरेटर (TSP) स्तर पर फर्जी कॉल्स को रोका जा रहा है, जबकि दूसरे चरण में केंद्रीय स्तर पर फर्जी कॉल्स को ब्लॉक किया जाएगा। इस अभियान के तहत 33.48 लाख मोबाइल कनेक्शनों को साइबर अपराधों से जुड़े हॉटस्पॉट जिलों में काट दिया गया है और 49,930 मोबाइल हैंडसेट्स ब्लॉक कर दिए गए हैं।

फर्जी मोबाइल कनेक्शनों पर बड़ी कार्रवाई
संचार मंत्रालय ने बताया कि एक व्यक्ति द्वारा निर्धारित सीमा से अधिक मोबाइल कनेक्शन लेने वाले 77.61 लाख कनेक्शन काट दिए गए हैं और 2.29 लाख मोबाइल फोन, जो साइबर अपराध में शामिल थे, ब्लॉक किए गए हैं। इसके अलावा, चोरी और खोए हुए 21.03 लाख मोबाइल फोन में से 12.02 लाख फोन का पता लगाया जा चुका है। बैंकों और पेमेंट वॉलेट्स ने 11 लाख फर्जी खातों को फ्रीज कर दिया है, जो इन डिस्कनेक्टेड मोबाइल कनेक्शनों से जुड़े थे।

व्हाट्सएप ने भी करीब 11 लाख फर्जी प्रोफाइल्स/खातों को बंद कर दिया है। 71,000 सिम एजेंट्स को ब्लैकलिस्ट किया गया है और कई राज्यों में 365 एफआईआर दर्ज की गई हैं।

(स्त्रोत- एजेंसी)

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top