नई दिल्ली। शनिवार (20 अप्रैल) को शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत की मांग वाली याचिका का आदेश अगली सुनवाई तक सुरक्षित रख लिया है. अगली सुनवाई 30 अप्रैल को होगी, वहीं कोर्ट में सुनवाई के दैरान सीबीआई ने जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया और कहा कि सिसोदिया को जमानत मिलती है तो वे सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं.
सीबीआई ने दी यह दलील
सिसोदिया एक प्रभावशाली शख्श है. उन्हें राजनैतिक संरक्षण हासिल है. जमानत मिलने पर वो सबूतो से छेड़छाड़ कर सकते हैं. गवाहों को प्रभावित कर सकते है. इस लिहाज से जांच को प्रभावित कर सकते है.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि करप्शन समाज के लिए कैंसर के समान है. सिसोदिया अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल करते हुए सबूतों को खत्म करने में शामिल रहे है. अभी भी इस केस में कई ऐसे अहम सबूत और दस्तावेज है, जो आज तक नहीं मिल पाए है.
सिसोदिया की ओर से वकील विवेक जैन ने कहा- जिस मोबाइल फोन को नष्ट करने का जांच एजेंसियों द्वारा बार बार हवाला दिया जा रहा है, SC ने भी उस पर विचार किया है. SC का मानना था कि जमानत पर विचार करते हुए ये अपने आप में कोई इतना बड़ा फैक्टर नहीं है कि उसके आधार पर ही तय हो कि जमानत दी जानी चाहिए या नहीं.
सिसोदिया के वकील ने कहा कि जहां तक आरोप की संगीनता का मसला है, SC खुद कह चुका है कि इस मामले की तुलना जघन्य अपराध से नहीं की जा सकती है. ये कोई ऐसा मामला नहीं जहां सैकड़ो- हजारों लोग के साथ धोखाधड़ी हुई हो.