नई दिल्ली: राज्यसभा में आज सुबह उस समय अफरा-तफरी मच गई जब कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी की सीट पर नकदी का एक बंडल मिला। यह घटना तब सामने आई जब राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद सुरक्षा अधिकारियों ने तोड़फोड़ विरोधी जांच के दौरान नकदी बरामद की। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने इस घटना की जानकारी देते हुए कहा कि मामले की जांच की जा रही है।
धनखड़ ने दी जानकारी
सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, “मैं सदस्यों को सूचित करना चाहता हूं कि कल सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद नियमित तोड़फोड़ विरोधी जांच के दौरान, सुरक्षा अधिकारियों ने सीट संख्या 222 से नोटों की एक गड्डी बरामद की, जो वर्तमान में तेलंगाना राज्य से निर्वाचित अभिषेक मनु सिंघवी को आवंटित है।” उन्होंने यह भी कहा कि मामला उनके संज्ञान में लाया गया है और उन्होंने जांच की पुष्टि की है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की प्रतिक्रिया
इस मामले को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि उन्हें जांच पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन चूंकि जांच चल रही है, इसलिए सभापति को सांसद का नाम नहीं लेना चाहिए था। खड़गे का कहना था कि इस तरह के मामलों में निष्पक्षता बनाए रखना बेहद जरूरी है।
सिंघवी ने दी अपनी सफाई
इस घटना के बाद अभिषेक मनु सिंघवी का बयान भी सामने आया। उन्होंने कहा, “मैंने पहली बार ऐसी घटना सुनी है। यह मेरे लिए अचंभे की बात है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह आमतौर पर राज्यसभा में केवल 500 रुपये लेकर जाते हैं। सिंघवी ने आगे कहा, “कल 12:57 बजे मैं सदन में गया, और मेरे जाने के तीन मिनट बाद सदन की कार्रवाई समाप्त हो गई। उसके बाद मैंने 1 से 1:30 बजे तक अयोध्या प्रसाद के साथ कैंटीन में लंच किया और फिर सुप्रीम कोर्ट चला गया। सदन में मेरी मौजूदगी सिर्फ तीन मिनट की रही।”
उन्होंने यह भी कहा, “मुझे यह हास्यपद और गंभीर दोनों लगता है। सांसद की हर सीट पर लॉक होना चाहिए, ताकि सुरक्षा में कोई गड़बड़ी न हो। यदि सुरक्षा में कोई चूक होती है, तो इसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए।”
सत्ता पक्ष और विपक्ष में हंगामा
इस मामले को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ से हंगामा हुआ। केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सदस्य भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसे राज्यसभा की अखंडता का ‘अपमान’ करार दिया। नड्डा ने कहा कि यह घटना राज्यसभा की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने का प्रयास है और इसकी गंभीरता से जांच की जानी चाहिए।
सुरक्षा और जांच पर सवाल
इस घटना ने राज्यसभा की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। वहीं, विपक्षी दलों का कहना है कि जांच निष्पक्ष तरीके से होनी चाहिए और इस मामले में कोई राजनीतिक दबाव नहीं होना चाहिए।
राज्यसभा में इस घटना के बाद से राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है और इस मामले की जांच के परिणामों का इंतजार किया जा रहा है।