एक बार फिर से छिन सकती हेमंत सोरेन की कुर्सी? रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची ईडी

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने कथित जमीन घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग में झारखंड हाई कोर्ट द्वारा झामुमो नेता हेमंत सोरेन को दी गई जमानत के खिलाफ उच्चतम न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) का रुख किया है. ईडी ने अदालत में यह तर्क दिया है कि जमीन घोटाले के मामले में हाई कोर्ट का आदेश ‘अवैध’ है. हाई कोर्ट का फैसला अवैध होने के कारण अब इस केस में उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप की जरूरत है.

जांच एजेंसी ने दावा किया है कि हाई कोर्ट के फैसले में घोटाला मामले के महत्वपूर्ण पहलुओं की अनदेखी की गई है. ईडी ने दावा किया कि जेएमएम नेता सोरेन के खिलाफ सबूत मजबूत हैं और उनकी जमानत अनुचित है. खबर है कि सुप्रीम कोर्ट जल्द ही जमानत आदेश को चुनौती देने वाली ईडी की याचिका पर सुनवाई करेगा.

इससे पहले हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी के वकील ने दलील दी थी कि अगर सोरेन को जमानत पर रिहा किया गया, तो वह इसी तरह का अपराध कर सकते हैं. उन्होंने अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति पुलिस थाने में ईडी अधिकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों का हवाला दिया था. उच्च न्यायालय ने जमानत आदेश में कहा था, ‘याचिकाकर्ता द्वारा प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने उनके आचरण को रेखांकित किया है. लेकिन मामले के समग्र परिप्रेक्ष्य में, याचिकाकर्ता द्वारा समान प्रकृति का अपराध करने की कोई संभावना नहीं है.’

बता दें झारखंड हाई कोर्ट ने पिछले महीने की 28 तारीख को को सोरेन को जमानत दे दी थी. सोरेन 28 जून को रांची की बिरसा मुंडा जेल से बाहर आये थे और रिहाई के बाद जेएमएम नेता चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद चार जुलाई को हेमंत सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और सोमवार (8 जुलाई) को उन्होंने विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया और विश्वास मत जीतकर फिर से मुख्यमंत्री बन गए.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top