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YSRCP के नए ऑफिस पर चला बुलडोजर, जगन मोहन रेड्डी बोले- बदले की राजनीति .

नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (YSRCP) के अध्यक्ष वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने वर्तमान में सीएम चंद्रबाबू नायडू पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाया है. ये पूरा विवाद शनिवार तड़के नगर निगम अधिकारियों द्वारा गुंटूर जिले के ताडेपल्ली में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के निर्माणाधीन केंद्रीय कार्यालय को ध्वस्त करने के बाद शुरू हुआ. राज्य सरकार ने इमारत को अवैध निर्माण घोषित करते हुए ये कार्रवाई की है, जिसका जगन मोहन रेड्डी ने कड़ा विरोध किया है. मंगलागिरी-ताडेपल्ली नगर निगम (MTMC) के अधिकारियों ने उत्खनन और बुलडोजर का उपयोग करके सुबह 5:30 बजे के आसपास विध्वंस शुरू किया. राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (CRDA) ने कथित अवैध निर्माण को लेकर विपक्षी पार्टी को नोटिस जारी किया था. इस कार्रवाई पर पूर्व सीएम रेड्डी ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करते हुए पार्टी के कार्यालय को ध्वस्त किया गया.

दरअसल, YSRCP ने CRDA के नोटिस के खिलाफ शुक्रवार को उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. पार्टी के एक प्रवक्ता ने दावा किया कि अदालत ने किसी भी विध्वंस गतिविधि को रोकने का आदेश दिया था और वाईएसआरसीपी के वकील द्वारा सीआरडीए आयुक्त को इसकी जानकारी दी गई थी. CRDA और एमटीएमसी अधिकारियों के अनुसार, वाईएसआरसीपी कार्यालय सिंचाई विभाग की जमीन पर बनाया जा रहा था. ऐसे आरोप थे कि जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआरसीपी की पिछली सरकार के तहत, भूमि, जिसका उपयोग नाव के लिए किया जा रहा था, को एक छोटी राशि के लिए पट्टे पर लिया गया था. यह भी आरोप थे कि निर्माण सीआरडीए और एमटीएमसी से मंजूरी लिए बिना किया गया था.

पूर्व सीएम रेड्डी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘चंद्रबाबू (Chandrababu Naidu) प्रतिशोध की राजनीति कर रहे हैं. एक तानाशाह की तरह उन्होंने वाईएसआर कांग्रेस के मुख्य कार्यालय को खुदाई करने वाली मशीनों और बुलडोजर से ध्वस्त करा दिया, जबकि वह लगभग बनकर तैयार हो चुका था.’ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के एक बयान के अनुसार, शनिवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे विपक्षी पार्टी के कार्यालय को ध्वस्त किया गया. वाईएसआरसीपी ने पिछले दिन (शुक्रवार) ही उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और सीआरडीए (राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण) की कार्रवाई को चुनौती दी थी. इसके बावजूद कार्यालय को ध्वस्त किया गया.’

 

 

 

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