लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी राज्य की 10 रिक्त विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों में अपने उम्मीदवार उतारेगी और पूरे दमखम से चुनाव लड़ेगी। मायावती ने यह घोषणा लखनऊ में प्रदेश कार्यालय में पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के वरिष्ठ पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों के साथ हुई एक समीक्षा बैठक के दौरान की।
बसपा का उपचुनाव में हिस्सा लेने का फैसला
आम तौर पर उपचुनावों से दूरी बनाने वाली बसपा ने इस बार उपचुनाव को गंभीरता से लेने का फैसला किया है। मायावती ने कहा कि हालांकि चुनाव की तारीख की आधिकारिक घोषणा अभी नहीं हुई है, लेकिन उपचुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ रही है। बसपा ने सभी 10 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने और पूरे दमखम से चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
बसपा प्रमुख का बयान
बसपा मुख्यालय से जारी बयान में मायावती ने कहा, “खासकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसकी सरकार द्वारा इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाए जाने के कारण इन उपचुनावों में लोगों की रुचि बढ़ी है। बसपा ने भी सभी 10 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का निर्णय लिया है और पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेगी।”
बसपा की पहचान: गरीबों और वंचितों की पार्टी
मायावती ने अपने समर्थकों से अपील की कि बसपा, जो गरीबों, वंचितों और पीड़ितों की पार्टी है, दूसरे दलों की तरह बड़े पूंजीपतियों और धन्नासेठों के सहारे नहीं चलती। इसलिए, पार्टी के समर्थक तन-मन-धन से सहयोग करें और पार्टी के आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाएं।
उपचुनाव में बसपा की उम्मीदें
2022 के विधानसभा चुनावों में कुल 403 सीटों में से बसपा ने सिर्फ एक सीट जीती थी, और हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में पार्टी का खाता भी नहीं खुला। इस स्थिति में, बसपा की उम्मीदें अब उपचुनावों पर टिकी हैं। मायावती आरक्षण को लेकर अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के अंदर उप-वर्गीकरण और ‘क्रीमी लेयर’ जैसे मामलों पर भी ध्यान केंद्रित कर रही हैं।
यूपी में उपचुनाव क्यों हो रहे हैं?
उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सदस्य लोकसभा के लिए चुने गए हैं, जिसके कारण उनकी सीटें खाली हो गईं। इसके अलावा, कानपुर के सीसामऊ से सपा विधायक इरफान सोलंकी को आपराधिक मामले में सजा सुनाए जाने के बाद एक और सीट रिक्त हुई। इन 10 सीटों पर उपचुनाव होंगे, जिसकी सूचना भारत निर्वाचन आयोग को भेज दी गई है।