जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने किया निलंबित
नरेंद्र सिंह ( कानूनगो)को गिरफ्तार कर भेजा गया मेरठ जेल
सतीश मुखिया मथुरा- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश से भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए जनता से आह्वान कर रहे हैं लेकिन सरकारी विभागों में बैठे कर्मचारी बिना मिठाई लिए गरीब जनता का कोई भी काम नहीं करते ।आप इसे भ्रष्टाचार ना कहे सुविधा शुल्क या मिठाई कह सकते है। अगर कोई भ्रष्टाचारी पकड़ा जाता है तो उसे भ्रष्टाचारी कहना बिल्कुल गलत होगा ,आप उसे कट्टर ईमानदार कह सकते हैं।सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर पहुंच चुका है और योगी सरकार की भ्रष्टाचार के ऊपर जीरो टॉलरेंस नीति को धत्ता बताकर यह लोग जनता की गाड़ी कमाई को लूट रहे हैं।आज एक आम व्यक्ति अपने रोजमर्रा के कामों के लिए विभिन्न विभागों में जाता है लेकिन वहां बगैर मिठाई के उसका कोई भी कार्य नहीं होता चाहे नगर निगम मथुरा वृंदावन का कोई काम हो, राजस्व विभाग तहसील से आय प्रमाण पत्र आदि कोई काम हो। अगर आपने मिठाई रूपी पुड़िया उनका समय से पकड़ा दिया तब तो आपका काम हो जाएगा अन्यथा आपके सही दस्तावेजों में भी वह कोई कमी जरूर निकाल ही देंगे, आप भटकते रहो हो उनका पूरा करने के लिए। आपको याद होगा कि कुछ समय पहले कैसे एंटी करप्शन टीम द्वारा छापे मारी कर किरण चौधरी ,जिला पंचायत राज अधिकारी को उनके ड्राइवर द्वारा रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था और उनको कुछ समय जेल में भी बिताना पड़ा। एक बार मथुरा में ही फिर एंटी करप्शन टीम द्वारा कार्यवाही करते हुए राजस्व विभाग के निरीक्षक को रिश्वत लेते धर दबोचा और राजस्व विभाग के निरीक्षक को आगे की कार्यवाही के लिए वह अपने साथ ले गई।
मथुरा से एंटी करप्शन विभाग को लगातार शिकायत मिल रही थी कि नरेंद्र सिंह, राजस्व निरीक्षक,राजस्व विभाग जो कि मथुरा सदर में जमीन से संबंधित काम देखता है वह प्रार्थी से मोटी रकम की मांग कर रहा है।
प्रार्थी द्वारा भ्रष्टाचार निरोधक शाखा में शिकायत मिलने पर विभाग ने जाल बिछा कर जांच की ।जिसमें आरोपी की पुष्टि हुई और मामले की पुष्टि होने के बाद आगरा से एक टीम मथुरा पहुंची। इसके बाद राजस्व विभाग के निरीक्षक के खिलाफ कार्यवाही की । एंटी करप्शन टीम ने मथुरा सदर तहसील पहुंच कर अपना जाल बिछाया और टीम के सदस्य अलग अलग स्थान पर खड़े होकर अपने शिकार का इंतजार करने लगे। तभी शिकायत कर्ता द्वारा राजस्व निरीक्षक नरेंद्र सिंह तरकर से मुलाकात की। जिसके बाद राजस्व निरीक्षक और शिकायत कर्ता सदर तहसील की छत पर पहुंच गए ।जहां शिकायत कर्ता द्वारा राजस्व निरीक्षक नरेंद्र सिंह तरकर को दस हजार रुपए पकड़ाए जैसे ही राजस्व निरीक्षक नरेंद्र सिंह तरकर ने शिकायत कर्ता से पैसे हाथ में लिए तभी टीम द्वारा उसे धर दबोचा, एंटी करप्शन टीम अपने साथ ले गई।
अब सवाल यह उठता है जब सूबे के मुख्यमंत्री कर्मचारियों से रिश्वत न लेने की बार-बार अपील कर रहे हैं लेकिन इन कर्मचारियों के ऊपर कोई असर नहीं हो रहा है। सरकार के सभी विभागों में रिश्वत रूपी मिठाई खुले तौर ली जा रही है। बृज क्षेत्र भ्रष्ट अधिकारियों के लिए आरामगाह का बनता जा रहा है जो अधिकारी एक बार यहां आ जाता है वह यहां से जाने के लिए तैयार नहीं होता, आपको कुछ विभागों में ऐसे अधिकारी भी मिल जाएंगे जो के उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित हस्तांतरण पॉलिसी का उल्लंघन कर रहे हैं अब यह सरकार के ऊपर निर्भर करता है कि सरकार उत्तर प्रदेश सेवा नियमावली के अनुसार उनके खिलाफ क्या विभागीय कार्यवाही करती है।