नई दिल्ली। राज्यसभा में आज मंगलवार को संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक 2024 व संविधान (अनुसूचित जाति एवं जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक 2024 पर एक साथ चर्चा करने के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। दोनों विधेयकों में आंध्र प्रदेश के तीन और ओडिशा के कुछ समुदायों को जनजाति समूह में शामिल करने का प्रावधान है।
बिल पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा- कि आजादी के इतने लंबे कालखंड के बाद भी कई ऐसे जनजातीय समूह रह गए हैं, जिन्हें जनजातीय तो कहा जाता रहा लेकिन उन्हें कभी इस सूची में शामिल नहीं किया गया। उनके साथ हुए अन्याय को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने खत्म किया है।
मुंडा ने आगे कहा कि इसका विश्लेषण किया जाना चाहिए कि ऐसे विधेयक आजादी के इतने साल बाद क्यों सदन में लाए जाने की जरूरत पड़ी। उन्होंने कहा, कि और भी कई ऐसे समूह हैं जिन्हें ऐसी सूचियों में शामिल करने की जरूरत है। इस संदर्भ में राज्यों से सिफारिश मिलने और आवश्यक कार्रवाई पूरा होने के बाद कदम उठाया जाएगा।