नई दिल्ली। हरियाणा से दिल्ली में आने वाली मुनक नहर का तटबंध टूटने से बवाना की एक आवासीय कॉलोनी के कुछ हिस्सों में घुटनों तक पानी भर गया जिससे लोग घरों में कैद हो गए. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मुनक नहर के बैराज से पानी बृहस्पतिवार तड़के उत्तर पश्चिमी दिल्ली की जेजे कॉलोनी के जे, के और एल ब्लॉक में घुस गया जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. यहां के हालात के कई वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं जिनमें लोग कमर तक भरे पानी में सिलेंडर लेकर चल रहे हैं और एक-दूसरे को सहारा देते हुए दिख रहे हैं.
अधिकारी ने कहा, ‘‘नहर का पानी बाहर आने के बारे में हमने आधी रात को ही राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), बाढ़ नियंत्रण विभाग, लोक कल्याण विभाग और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) सहित सभी संबंधित विभागों को सूचित कर दिया था.’’ उन्होंने बताया कि सोनीपत की तरफ से पानी का प्रवाह कम हो गया है और अधिकारियों ने हरियाणा से नहर के गेट बंद करने का अनुरोध किया है ताकि प्रवाह को नियंत्रित किया जा सके.
यह नहर हरियाणा के करनाल जिले के मुनक में यमुना नदी से निकलती है. जेजे कॉलोनी के निवासी नवीन दहिया ने बताया कि पानी का प्रवाह नियंत्रित होने के बाद ही मरम्मत का काम शुरू हो जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘पानी का प्रवाह रुकने के बाद ही रेत की बोरियां रखी जाएंगी.
प्रवाह को नियंत्रित होने में 24 से 48 घंटे लगेंगे.’’ घटना के बारे में दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आज सुबह मुनक नहर से निकलने वाली एक छोटी नहर का तटबंध टूट गया. मुनक नहर की देखभाल करने वाले हरियाणा के सिंचाई विभाग के साथ समन्वय में दिल्ली जल बोर्ड काम कर रहा है. हरियाणा का सिंचाई विभाग ही नहर का रखरखाव करता है. नहर के पानी के प्रवाह को अन्य छोटी नहर की तरफ मोड़ दिया गया है.’’
आतिशी ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और कहा कि मरम्मत कार्य जारी है. उत्तर-पश्चिम दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद योगेंद्र चंदोलिया ने भी क्षेत्र का दौरा किया और कहा, ‘‘पानी का प्रवाह बंद होने के बाद ही पुख्ता तौर पर काम शुरू होगा, जिसमें निश्चित रूप से 24 घंटे लगेंगे और इससे दिल्ली में पानी की आपूर्ति भी प्रभावित होगी.’’ उन्होंने बताया कि उन्हें आधी रात दो बजकर 30 मिनट पर जेजे कॉलोनी में पानी घुसने की सूचना मिली थी जिसके बाद पानी में करंट आ जाने के खतरे को देखते हुए बिजली काट दी गई.