पंजाब: पंजाब के अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में बुधवार सुबह शिरोमणि अकाली दल (SAD) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर जानलेवा हमला हुआ। हमलावर ने गोली चलाई, लेकिन सुखबीर बादल सुरक्षित बच गए। पंजाब पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए हमलावर को मौके पर ही पकड़ लिया। हमलावर का नाम नारायण सिंह बताया गया है, जो खालसा दल से जुड़ा हुआ है। इस घटना के बाद इलाके में दहशत फैल गई, लेकिन पुलिस ने स्थिति को काबू में कर लिया।
केजरीवाल ने साजिश का किया दावा
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि पंजाब और पंजाबियों को बदनाम करने के लिए एक बड़ी साजिश रची जा रही है। केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में कहा कि यह पंजाब की शांति को भंग करने की कोशिश है, लेकिन पंजाब पुलिस ने न केवल इस हमले को रोका, बल्कि देश के सामने मिसाल पेश की है।
पंजाब सरकार पर उठे सवाल
इस घटना के बाद भाजपा और कई विपक्षी दलों ने पंजाब की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए। भाजपा नेताओं और मीडिया ने कहा कि यह घटना पंजाब सरकार की सुरक्षा व्यवस्था की विफलता को दर्शाती है। हालांकि, केजरीवाल ने कहा कि जब पंजाब में सुबह ये घटना घटी, तब भाजपा, उनके नेताओं और मीडिया ने पंजाब की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाना शुरू कर दिया। केजरीवाल ने पुलिस की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने स्थिति को अच्छे से संभाला और आम आदमी पार्टी की सरकार ने घटना को गंभीरता से लिया है और जांच का आश्वासन दिया है।
संगत में मचा हड़कंप
स्वर्ण मंदिर परिसर में हुई इस घटना के दौरान संगत में हड़कंप मच गया। गोली चलने की आवाज सुनते ही लोग घबरा गए। सुखबीर बादल उस समय मुख्य गेट के पास मौजूद थे। उनके साथ सुखदेव सिंह ढींडसा भी थे। संगत की सतर्कता और पुलिस की तत्परता से एक बड़ा हादसा टल गया। पुलिस अब मामले की गहन जांच कर रही है ताकि यह पता चल सके कि इसके पीछे किसकी साजिश थी और हमलावर का असली मकसद क्या था।