नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत को पत्र लिखकर पांच सवाल पूछे हैं। केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर CBI और ED जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग कर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ कार्रवाई करने और भ्रष्ट नेताओं को संरक्षण देने का आरोप लगाया है।
केजरीवाल के खत में क्या-क्या है?
अपने पत्र में केजरीवाल ने लिखा, “देश के मौजूदा राजनीतिक हालात को देखकर मैं बेहद चिंतित हूं। भाजपा जिस दिशा में देश को ले जा रही है, वह भारतीय लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो देश का लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा।”
क्या RSS को मंजूर है बीजेपी की राजनीति?
केजरीवाल ने पहला सवाल उठाते हुए पूछा, “भाजपा के नेतृत्व में दूसरी पार्टियों के नेताओं को ED और CBI की धमकी देकर तोड़ा जा रहा है। क्या चुनी हुई सरकारों को इस तरह गिराना और सत्ता हासिल करना RSS की मंजूरी से हो रहा है?”
‘क्या RSS ने ऐसी बीजेपी की कल्पना की थी?’
दूसरे सवाल में केजरीवाल ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हैं और फिर उन्हीं नेताओं को BJP में शामिल कर लेते हैं। क्या RSS ने ऐसी BJP की कल्पना की थी जो भ्रष्ट नेताओं को संरक्षण देती है?”
भाजपा के मार्गदर्शन की जिम्मेदारी RSS की है?
तीसरे सवाल में केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी, आरएसएस के कोख से जन्मी पार्टी है। ऐसे में आरएसएस की जिम्मेदारी है कि वह भाजपा को सही दिशा दिखाए अगर वह पथभ्रष्ट हो रही हो।
क्या BJP अब RSS को नजरअंदाज कर रही है?
चौथे सवाल में केजरीवाल ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के एक बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि भाजपा को अब आरएसएस की जरूरत नहीं है। केजरीवाल ने पूछा कि क्या यह बयान आरएसएसको आहत नहीं करता?
क्या रिटायरमेंट का कानून पीएम मोदी पर लागू नहीं होता?
आखिरी सवाल में केजरीवाल ने पूछा, “आरएसएस ने 75 साल की उम्र के बाद नेताओं के रिटायरमेंट का कानून बनाया था, जिसके तहत आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को रिटायर कर दिया गया। लेकिन अमित शाह का कहना है कि यह कानून प्रधानमंत्री मोदी पर लागू नहीं होगा। क्या यह आरएसएस की सहमति से हो रहा है?”