आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: मददगार तकनीक या नई परेशानी?

वंशिका 

आज की दुनिया में सबसे तेज़ बदलने वाली और हमारी ज़िंदगी पर बड़ा असर डालने वाली तकनीक है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)। जो काम पहले इंसानों को घंटों लगते थे, अब AI वो कुछ ही मिनटों में कर देता है। चाहे वह हेल्थकेयर हो, पढ़ाई हो, बिज़नेस हो या मनोरंजन, AI हर जगह काम कर रहा है। AI की मदद से काम जल्दी और सही तरीके से होता है, कंपनियाँ बेहतर फैसले ले पा रही हैं, बच्चे अपनी ज़रूरत के हिसाब से पढ़ाई कर पा रहे हैं और डॉक्टर बीमारियों को जल्दी पहचान पा रहे हैं। इसके साथ ही नई तकनीकें और स्किल्स बनने से नए रोजगार भी मिल रहे हैं। इस तरह AI हमारी ज़िंदगी के हर हिस्से में सुधार और तेजी से विकास ला रहा है।

AI और सोशल मीडिया आज बहुत करीब से जुड़े हुए हैं। जब आप सोशल मीडिया पर स्क्रॉल करते हैं, तो जो पोस्ट, वीडियो या विज्ञापन आपको दिखते हैं, वो सब AI की मदद से चुने जाते हैं। AI समझता है कि आपको क्या पसंद है और आप क्या ज्यादा देखते हैं, फिर उसी हिसाब से आपको कंटेंट दिखाता है। इसके अलावा, फेस रिकग्निशन, ऑटोमेटिक कैप्शन, चैटबॉट्स और ट्रेंड्स की जानकारी भी AI की वजह से आसान हो गई है। सोशल मीडिया कंपनियाँ AI का इस्तेमाल करके करोड़ों लोगों का डाटा पढ़ती हैं ताकि आपकी सोशल मीडिया का अनुभव बेहतर हो और आप ज्यादा समय तक उस प्लेटफॉर्म पर बने रहें। जैसे-जैसे AI स्मार्ट होता जा रहा है, वैसे-वैसे इसका इस्तेमाल सोशल मीडिया में और बढ़ता जा रहा है, जिससे यह प्लेटफॉर्म्स और भी पर्सनल, इंटरएक्टिव और असरदार बनते जा रहे हैं। जैसे-जैसे AI तकनीक आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे इसके साथ कई मुश्किलें भी बढ़ रही हैं। इन में से एक सबसे बड़ी और खतरनाक परेशानी है Deepfake टेक्नोलॉजी। Deepfake एक ऐसी तकनीक है जिसमें AI का इस्तेमाल करके किसी इंसान की आवाज़ और चेहरा बदल दिया जाता है, जिससे नकली वीडियो या ऑडियो बिल्कुल असली लगते हैं। इससे कई लोगों को परेशानी हो रही है। जैसे – किसी नेता का नकली भाषण बनाकर वायरल करना, किसी अभिनेता या आम इंसान का झूठा और गलत वीडियो बनाकर बदनाम करना, या किसी का चेहरा लगाकर अश्लील वीडियो बनाना। ऐसे वीडियो लोगों की इज़्ज़त और मानसिक स्थिति को बहुत नुकसान पहुँचाते हैं। कई बार लोग इन फर्जी वीडियो को सच मान लेते हैं और गुमराह हो जाते हैं। Deepfake का इस्तेमाल ठगी, ब्लैकमेल और दूसरे साइबर अपराधों के लिए भी किया जा रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि अब असली और नकली में फर्क करना बहुत मुश्किल हो गया है। इसलिए Deepfake जैसी खतरनाक तकनीकों को कंट्रोल करने के लिए सख्त कानून और निगरानी की बहुत जरूरत है।AI एक बहुत ही काम की तकनीक है, जो अगर सही तरीके से इस्तेमाल की जाए तो हमारी ज़िंदगी को आसान, तेज़ और स्मार्ट बना सकती है। लेकिन हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि हम AI पर पूरा निर्भर न हो जाएं। AI को हमें एक मदद करने वाले दोस्त की तरह देखना चाहिए, न कि ऐसा कुछ जो हमें कंट्रोल करे। जहाँ इंसानी सोच, भावना और समझ की ज़रूरत होती है, वहाँ इंसान का फैसला ही सबसे ज़रूरी होता है। हमें AI टूल्स और ऐप्स का उपयोग समझदारी से करना चाहिए — जैसे अपने डाटा को सुरक्षित रखना, नकली खबरों और वीडियो से सावधान रहना और हर जानकारी को पहले अच्छी तरह जांचना। अगर हम AI का इस्तेमाल सिर्फ काम आसान करने और कुछ नया सीखने के लिए करें, और फैसले खुद लें, तो हम इसके फायदे अच्छे से ले सकते हैं और नुकसान से बच सकते हैं। AI हमारे जीवन का हिस्सा तो बन सकता है, लेकिन हमें यह तय करना होगा कि उसका इस्तेमाल हम करें, न कि वह हमें चलाए

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