नई दिल्ली। हाल ही में कार्यभार संभालने वाले नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने मंगलवार को नॉर्थ ब्लॉक में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की। इस बैठक में उन्होंने भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ और महासागर मिशन ‘समुद्रयान’ के लिए भारतीय नौसेना के समर्थन को दोहराया।
बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने भारतीय नौसेना और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के बीच बढ़ती साझेदारी पर चर्चा की। डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारतीय नौसेना “गगनयान” मिशन के लिए क्रू मॉड्यूल की सफलतापूर्वक रिकवरी सुनिश्चित कर रही है, जैसा कि 23 अक्टूबर को पहले विकासात्मक मिशन (टीवी-डी1) में देखा गया था।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा परिकल्पित ‘संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण’ की सफलता की सराहना की, जिसने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा दिया है और विकसित भारत @2047 के विजन को साकार करने में मदद की है। उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 2025 तक, दुनिया एक भारतीय को अंतरिक्ष में और दूसरे को गहरे समुद्र में देखने की उम्मीद कर सकती है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और भारतीय नौसेना के बीच लंबे समय से चले आ रहे सहयोग का उल्लेख करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने उन समझौता ज्ञापनों और परियोजनाओं के बारे में भी जानकारी दी, जो राष्ट्रीय हितों को आगे बढ़ाने और मानवता को लाभान्वित करने के लिए कार्यरत हैं। उन्होंने स्टार्टअप पर एंजल टैक्स हटाने के सरकार के निर्णय की भी प्रशंसा की, जिससे नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहन मिला है।
एडमिरल त्रिपाठी ने भारतीय नौसेना और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के बीच चल रहे सहयोग पर चर्चा की, जिसमें समुद्र विज्ञान और मौसम विज्ञान के डेटा उत्पादों को साझा करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। उन्होंने इसरो द्वारा विकसित नाविक (एनएवीआईसी) के महत्व पर भी प्रकाश डाला और इन संयुक्त प्रयासों के प्रति नौसेना की प्रतिबद्धता को दोहराया, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और वैज्ञानिक उन्नति के लिए महत्वपूर्ण हैं।