नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मामलों के मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आज स्वाति मालीवाल प्रकरण पर बयान देते हुए कहा की दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास पर, मुख्यमंत्री के सामने, उनकी ही पार्टी की महिला सांसद के ऊपर मुख्यमंत्री के सहायक ने अत्याचार किया और लात घूसें चलाए लेकिन इस पर कारवाई करने की बजाय अरविंद केजरीवाल ने मौन धारण किया हुआ है और आरोपी के साथ घूम घूम कर चुनाव प्रचार करने में लगे हैं।
अनुराग ठाकुर ने कहा की यह बेहद शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस दिल्ली में निर्भया कांड हुआ और महिला अपराधों के खिलाफ सख्त नियम कानून बनाए गए, वहां आज नियम कानून बनाने वाले हीं अपनी हीं महिला सांसद के ऊपर शारीरिक हिंसा कर रहे हैं। अरविंद केजरीवाल के साथ-साथ पूरा इंडी गठबंधन आज इस प्रकरण पर चुप है। संदेशखली की महिलाओं की चीख पुकार भी इनके कानों तक इसी प्रकार नहीं पहुंच रही थी। महिला सम्मान का ढोंग रचने वाले विपक्षी आज जनता के सामने पूरी तरह से एक्सपोज़ हो चुके हैं। यह लोग अपनी ही महिला सांसद के खिलाफ हुए अत्याचार पर खड़े नहीं हो सकते तो आम जनता के लिए क्या खड़े होंगे? इंडी गठबंधन बताए की आखिर उनकी कौन सी मजबूरी है कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचार करने वालों को संरक्षण देना जरूरी है?”
अनुराग ठाकुर ने आगे अरविंद केजरीवाल को बेहद स्वार्थी बताते हुए कहा की केजरीवाल जी को सिर्फ चुनाव प्रचार के नाम पर कंडीशनल बेल मिली है फिर भी वे आज केवल इस बात पर वोट मांग रहे हैं की उन्हें फिर जेल ना जाना पड़े। ये दिखाता है की ये लोग कितने स्वार्थी, सेल्फ सेंटर्ड और अनैतिक हैं। अरविंद केजरीवाल जी को देखकर आज हमारे संविधान निर्माता बाबा साहब भी शर्मिंदगी महसूस कर रहे होंगे की कैसे एक भ्रष्ट सरकार का भ्रष्ट मुख्यमंत्री जेल जाने के बाद भी अपनी कुर्सी से चिपका हुआ है। अरविंद केजरीवाल में तनिक भी नैतिकता बची है तो उन्हें 2 जून को जेल जाने से पूर्व हीं इस्तीफा देना चाहिए।
अनुराग ठाकुर ने आगे इंडी गंठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव से पहले हीं भ्रष्टाचारियों के इस अनैतिक गठजोड़ में मोटी मोटी गाठें पड़ चुकी थी लेकिन चुनाव के बीच तो इनका गठबंधन ताश के पत्तों की तरह बिखर चुका है। पंजाब में कांग्रेस अलग लड़ रही है, आम आदमी पार्टी अलग लड़ रही है। बंगाल में तृणमूल कांग्रेस अलग लड़ रही है, कांग्रेस अलग लड़ रही है। उधर वायनाड में राहुल गांधी के खिलाफ वाम दलों ने अलग से मोर्चा खोल रखा है। पंजाब में जहां आम आदमी पार्टी और कांग्रेस वाले एक दूसरे के कपड़े फाड़ रहे हैं वहीं दूसरी ओर बंगाल में तो कांग्रेस के एक कद्दावर नेता कहते हैं कि तृणमूल कांग्रेस को वोट देने से अच्छा है भाजपा को वोट दे दो। दिल्ली में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और आधी पार्टी, आम आदमी पार्टी के साथ गठजोड़ के विरोध में इस्तीफा दे गए। इतना सब होने के बाद भी यह लोग 5 वर्षों में 10 प्रधानमंत्री बनाने का सपना देख रहे हैं। ये कभी पूरा नहीं होगा।”