लखनऊ। केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रमुख घटक अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधा है। पटेल ने राज्य में भर्ती प्रक्रिया में आउटसोर्सिंग का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि चतुर्थ श्रेणी की सेवाओं में नियुक्ति में आरक्षण का पालन होना चाहिए।
आउटसोर्सिंग में आरक्षण की कमी पर आपत्ति
अनुप्रिया पटेल ने कहा, “निजी क्षेत्रों में आउटसोर्सिंग के जरिए चतुर्थ श्रेणी के पदों पर की जाने वाली नियुक्तियों में आरक्षण का पालन नहीं किया जाता है। वंचित वर्ग के लोगों को चतुर्थ श्रेणी की नौकरी मिलती थी। जब इन पदों पर आउटसोर्सिंग के जरिए भर्ती की जाती है, तो आरक्षण कानून का पालन नहीं होता है।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी चाहती है कि निजी क्षेत्रों में आउटसोर्सिंग के जरिए चतुर्थ श्रेणी की सभी नौकरियों में आरक्षण का पालन किया जाए, जिससे वंचित वर्ग के लोगों को न्याय मिल सके।
नजूल संपत्ति विधेयक पर विरोध
अनुप्रिया पटेल ने उत्तर प्रदेश नजूल संपत्ति (सार्वजनिक प्रयोजनों के प्रबंधन और उपयोग) विधेयक, 2024 का विरोध करते हुए कहा कि यह अनावश्यक है और जनभावनाओं के खिलाफ है। उन्होंने कहा, “इसे उच्च सदन द्वारा पहले ही प्रवर समिति को भेजा जा चुका है। समिति इस पर विचार करेगी और अपनी सिफारिश देगी। हमारी पार्टी को लगता है कि यह अनावश्यक है।”
अयोध्या बलात्कार मामले पर सख्त टिप्पणी
अयोध्या बलात्कार मामले पर अनुप्रिया पटेल ने कहा, “अपराधियों का कोई धर्म नहीं होता है। महिलाओं के खिलाफ अपराध के लिए जो भी दोषी है, उसे सजा मिलनी चाहिए। सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”
उपचुनावों में एनडीए की जीत का दावा
राज्य में 10 सीटों पर होने वाले उपचुनावों को लेकर अनुप्रिया पटेल ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगा और सभी सहयोगी दल उसके उम्मीदवारों का समर्थन करेंगे। उन्होंने एनडीए की जीत का दावा किया और कहा कि गठबंधन के सभी दल एकजुट होकर चुनाव में उतरेंगे।
जाति जनगणना की मांग पर जोर
अनुप्रिया पटेल ने जाति जनगणना की पार्टी की मांग को दोहराते हुए कहा, “बिहार ने इसकी शुरुआत कर दी है। जातियों की गिनती के साथ, हम उन लोगों को लाभ सुनिश्चित करने के लिए आगे नहीं बढ़ सकते हैं, जिनके लिए यह लक्षित है।”
अनुप्रिया पटेल के ये बयान सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हैं और वंचित वर्ग के हितों की रक्षा के लिए उनकी पार्टी की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि योगी सरकार इन मुद्दों पर कैसे प्रतिक्रिया देती है।