देहरादून। पुलिस मुख्यालय उत्तराखंड के आदेश पर “ऑपरेशन मुक्ति” अभियान (भिक्षा नहीं शिक्षा दे) के तहत एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट देहरादून ने बाल भिक्षावृत्ति/बाल श्रम की रोकथाम के लिए पूरे जनपद में भिक्षावृति, कूडा बीनने और बालश्रम में लिप्त पाए गए तीन बच्चो को रेस्क्यू कराया।
बता दें कि सोमवरा को एंटी ह्यूमन ट्रैफ़िकिंग यूनिट देहरादून ने जिला टास्क फोर्स के साथ मिलकर विकासनगर एवं कालसी क्षेत्रान्तर्गत रेस्क्यू अभियान चलाया। रेस्क्यू अभियान के दौरान टीम ने पाया कि किसान सुपर ग्राम अंबाडी विकास नगर देहरादून प्रतिष्ठान, राजू ऑटो रिपेयरिंग सेंटर अंबाडी चकराता रोड विकास नगर आदि जगहो पर बालकों से बाल श्रम कराया जा रहा था।
मौके पर टीम ने बाल श्रम में लिप्त तीन बालकों को सकुशल रेस्क्यू कर प्रतिष्ठान के मालिक के खिलाफ थाना विकास नगर एवं थाना कालसी पर बाल श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन अधिनियम 1986) की धारा 3 एवं 14 के अन्तर्गत एफआईआर दर्ज कराया। रेस्क्यू किये गये बालकों के मेडिकल परीक्षण के बाद उन्हें बाल कल्याण समिति को सौंपा गया जिसके बाद समिति ने बच्चों को खुला आश्रय गृह चन्दन नगर देहरादून में दाखिला करवाया।
जहां पर बच्चों और उनके अभिभावकों की उचित काउंसलिंग कर शिक्षा के महत्व को समझाते हुए बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित किया जाएगा। रेस्क्यू अभियान में एंटी ह्यूमन ट्रैफ़िकिंग यूनिट के साथ श्रम विभाग, मैक संस्था, बचपन बचाओ आंदोलन, चाइल्ड लाइन के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।