चौथा जन जागरूकता मार्च सेलाकुई में आयोजित किया गया
देहरादून। नशा विरोधी जन अभियान के तहत चौथा नशा विरोधी जन जागरूकता मार्च सेलाकुई में निकाला गया। इस अभियान को लगातार जन संगठनों का समर्थन मिल रहा है। अब तक एक दर्जन से ज्यादा जन संगठन इस अभियान से जुड़ चुके हैं।
सुबह जन अभियान की टीम सेलाकुई मारुति शो रूम के पास पुरबिया चौक पर एकत्रित हुई। बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और खासकर महिलाएं इस मौके पर मौजूद थी। पुरबिया चौक से नशे के खिलाफ नारे लगाते और जनगीत गाते जन जागरूकता मार्च सेलाकुई मुख्य रोड पर दुकानदारों और वहां मौजूद लोगों से नशा विरोधी अभियान में शामिल होने का अपील करते हुए आगे बढ़ा। यहां खास बात यह रही कि जैसे-जैसे मार्च आगे बढ़ता रहा, वैसे-वैसे स्थानीय लोग, दुकानदार, रिक्शा चालक और अन्य लोग भी मार्च में शामिल होते रहे। करीब दो घंटे बार यह मार्च मुख्य बाजार में खत्म हुआ।
मार्च के दौरान जगह-जगह नुक्कड़ सभाओं का आयोजन किया गया। कमला पंत, त्रिलोचन भट्ट, निर्मला बिष्ट, नसीमा, हिमांशु चौहान, विमला कोली के साथ ही रिक्शा यूनियन के अध्यक्ष सोनू और ओबीसी महासभा के पदाधिकारियों ने नुक्कड़ सभाओं में अपनी बात रखी और अभियान में हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया। वक्ताओं का कहना था कि नशे की तस्करी पुलिस की संरक्षण में हो रही है। नशे के तस्करों की नजर हमारे घरों के एक-एक बच्चे पर है। इसलिए इस लड़ाई में सभी को शामिल होने की जरूरत है। सेलाकुई में जिन संगठनों ने मुख्य रूप से नशा विरोधी अभियान का समर्थन दिया उनमें रिक्शा यूनियन सेलाकुई, बालाजी सेवा संस्थान और ओबीसी महासंघ शामिल थे। सभी संगठनों ने कहा कि नशे के विरोध में जहां भी आंदोलन होगा, वे ज्यादा से ज्यादा संख्या में शामिल होने का प्रयास करेंगे। उत्तराखंड इंसानियत मंच के डॉ. रवि चोपड़़ा और पूर्व शिक्षा निदेशक नन्द नन्दन पांडे इस मार्च में खास तौर पर शामिल होने पहुंचे। जन जागरूकता मार्च में चंद्रकांता, भुवन, राजीव, राहुल, विकास, सुभाष, जितेन्द्र कुमार, नीना गुप्ता, सुमित्रा रावत, आशा रावत, शकुंतला गुसाईं, सुनीता रावत, किरन नेगी, पद्मा गुप्ता, विजय नैथानी मुख्य रूप से शामिल हुए।
जन अभियान टीम ने ऋषिकेश में पत्रकार योगेश डिमरी पर शराब माफिया द्वारा किये गये हमले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अब इस मामले को राज्य स्तर पर मुद्दा बनाने की घोषणा की है। टीम के सदस्यों का कहना है कि यह हमला नशे का विरोध कर रहे हर व्यक्ति पर हमला है। यह हमला बताता है कि माफिया नशे के विरोध में उठने वाली हर आवाज का कुचलने की फिराक में है। सरकारी संरक्षण के बिना कोई भी ऐसा साहस नहीं कर सकता। टीम ने योगेश डिमरी और उनके साथियों पर दर्ज मुकदमें वापस लेने की भी पुरजोर मांग की है। टीम के प्रतिनिधि सोमवार को ऋषिकेश जाकर योगेश डिमरी की स्वास्थ्य की जानकारी लेंगे और संबंधित पुलिस अधिकारियों से मिलकर मुकदमें वापस लेने की मांग भी करेंगे।