नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर को बने अभी कुछ ही महीने बीते हैं. वहीं शुक्रवार को हुई बारिश ने अयोध्या के विकास को लेकर किए गए तमाम दावों की पोल खोल दी. बारिश के बाद अयोध्या का रामपथ जगह-जगह से धंस गया वहीं सड़कों पर बड़े-बड़े गड्डे हो गए. जिसके बाद योगी सरकार पर सवाल उठने लगे. इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने PWD के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, AE और JE को सस्पेंड कर दिया गया है. इस मामले को लेकर जांच के आदेश दिए गए हैं और जल्द से जल्द इसकी रिपोर्ट मांगी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के रामपथ के निर्माण के दौरान हुए भ्रष्टाचार पर कड़ा एक्शन लेते हुए एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ध्रुव अग्रवाल, असिस्टेंट इंजीनियर अनुज देशवाल और जूनियर इंजीनियर प्रभात पांडे को सस्पेंड कर दिया है. सीएम योगी अयोध्या के विकास में की गई लापरवाही को लेकर किसी क भी बरतने वाले नहीं हैं।
13 किमी लंबा रामपथ बारिश के धंसा
राम मंदिर के उद्घाटन से कुछ समय पहले ही रामपथ का निर्माण पूरा हुआ था. इसका निर्माण बड़ी संख्या अयोध्या पहुंचने वाले रामभक्तों की सुविधा के लिए किया गया था. लेकिन बारिश के चलते 13 किलोमीटर लंबे रामपथ की सड़कों पर कई जगहों पर गड्ढे हो गए.
1 जुलाई से पांच पुजारियों की जगह 25 पुजारी रामलला की सेवा करेंगे. रविवार को चार अलग-अलग समूहों में पुजारियों की सूची घोषित की जाएगी. कल सभी प्रशिक्षित 20 पुजारियों को रामलला की सेवा में नियुक्ति के लिए पत्र भी प्रदान किए जाएंगे. साथ ही उनके प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा. इसके अलावा पुजारियों को उनकी सेवा के बदले वेतन निर्धारण की जानकारी भी दी जाएगी।
बैठक में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरि, तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय, ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र, मंदिर निर्माण प्रभारी गोपाल राव, दिल्ली के प्रोफेसर जयकांत मिश्र, रामकथा कुंज के पीठाधीश्वर डॉ. रामानंद दास महाराज, उनके उत्तराधिकारी महंत सत्यनारायण दास और हनुमत निवास महंत आचार्य मिथिलेश नंदिनी शरण महाराज शामिल होंगे. ये बैठक रामकोट स्थित नए आवासीय कार्यालय में प्रस्तावित है।