नई दिल्ली।।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) भी पार्टी के सत्ता में वापसी के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं. तीसरे चरण में जिन सीटों पर मतदान हुआ, उसमें से ज्यादा सीटें यादव लैंड की थीं. इनमें से एक सीट उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की पुस्तैनी सीट भी थी, जहां से उनकी पत्नी डिंपल यादव मैदान में थीं. अखिलेश यादव के लिए और इंडिया ब्लॉक की यह सीट नाक का सवाल बनी हुई है.
भाजपा की ओर से यह दावा किया जा रहा है कि समाजवादी पार्टी परिवार की सभी सीटें हार रही है, तो समाजवादी पार्टी की तरफ से यह कहा जा रहा है कि जीत का अंतर इस बार और अधिक हो जाएगा. दरअसल, हम यहां पर बात कर रहे हैं मैनपुरी सीट के बारे में. यह सीट 1996 से लगातार मुलायम सिंह यादव परिवार के पास रही है. इस सीट से मुलायम सिंह, धर्मेंद्र यादव, तेज प्रताप यादव और डिंपल यादव सांसद रहे चुकी हैं. डिंपल यादव दूसरी बार यहां से चुनाव मैदान में हैं.मैनपुरी सीट पर अबकी बार एक नई प्रचारक आई हैं, जो बहुत अधिक सुर्खियों में हैं. इनका नाम है अदिति यादव. अपने दादा की विरासत को बचाने के लिए अदिति बहुत ही संयम के साथ मैनपुरी में चुनाव प्रचार करते नजर आईं. अदिति को मैनपुरी की जनता ने हाथोहाथ लिया. अदिति एक मंझे हुए राजनेता की तरह सुबह समय से प्रचार में निकल जातीं और सभी लोगों को अभिवादन करते हुए आगे बढ़ती रही हैं. तीसरे चरण का चुनाव खत्म होते ही अदिति यादव अब अपने पिता अखिलेश यादव के निर्वाचन क्षेत्र में पहुंच गई हैं, जहां पर उनके साथ महिलाओं की एक फौज देखी जा रही है. अदिति के साथ सपा के तमाम फ्रंटल संगठनों की महिलाएं और जिन सीटों पर चुनाव समाप्त हो गए हैं, उन सीटों की महिला प्रत्याशी अब अदिति के साथ अखिलेश का प्रचार करने के लिए कन्नौज का रुख कर लिया है.
गिनाती हैं सपा की सरकार की उपलब्धियां
चुनाव प्रचार के दौरान अदिति समाजवादी पार्टी की सरकार की उपलब्धियों पर चर्चा करते देखी जाती हैं और कन्नौज के विकास के लिए अपने पिता अखिलेश यादव के लिए वोट करने की अपील करने से नहीं चूकती हैं.