मुंबई। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस सप्ताह एक बयान देकर राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी। उन्होंने कहा कि इस साल हुए लोकसभा चुनाव में चचेरी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को मैदान में उतारना एक बड़ी गलती थी। अजित पवार ने माना कि राजनीति को घर-परिवार से दूर रखना चाहिए।
लोकसभा चुनाव के बाद आई बहन की याद
अजित पवार ने अपने बयान में कहा, “मैं अपनी सभी बहनों से प्यार करता हूं और राजनीति को घर-परिवार से दूर रखना चाहिए। मैंने सुनेत्रा को चुनाव मैदान में अपनी बहन के खिलाफ उतारकर गलती की। अब मुझे लगता है कि यह निर्णय गलत था।” इस बयान के बाद जब उनसे पूछा गया कि क्या वह रक्षाबंधन पर अपनी बहन के पास जाएंगे, तो उन्होंने कहा कि अगर वह और उनकी बहनें एक ही जगह पर होंगे, तो वह निश्चित तौर पर उनसे मिलेंगे।
सुप्रिया सुले का पलटवार
अजित पवार के इस बयान पर लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले ने तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार ने भाई-बहन के रिश्ते को चुनावी राजनीति से जोड़ दिया है। महायुति सरकार ने बहनों के प्यार की कीमत लगाकर पाप किया है। जब पैसा और रिश्ता मिल जाते हैं तो रिश्ता बरकरार नहीं रहता।”
चुनावी राजनीति से जोड़ा गया भाई-बहन का रिश्ता
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में सुनेत्रा पवार ने महाराष्ट्र की बारामती सीट पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरद पवार (राकांपा-एसपी) की प्रत्याशी सुप्रिया सुले को चुनौती दी थी, जो अजित के चाचा शरद पवार की बेटी हैं। हालांकि, इस चुनाव में सुनेत्रा को हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन बाद में वह राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुईं। पिछले साल जुलाई में अजित पवार और उनके वफादार विधायक एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हो गए थे, जिससे राकांपा दो फाड़ हो गई थी। निर्वाचन आयोग ने बाद में अजित के नेतृत्व वाले गुट को असली राकांपा घोषित किया था।